Album - Sunset Point
Lyrics - Gulzar
Music - Vishal Bharadwaaj
Singers - Bhupinder and Chitra
वो अभी तक पुल पर खड़ी थी,
अतीत से आती हूई हँसी और आवाज़ बहुत दूर नहीं लगी
ऐसे ही लगा जैसे आवाज़ अभी तक बीती नहीं है
शायद कोहरे मे हाथ बढ़ाये तो छू ही ले उसे
घड़ी देखी, सेकेंड की सूई अपने पहरे पर परेड कर रही थी
और अभी तक उसके आने की कोई आहट नहीं थी .
रात मे शागाफ़ आ गया था - क्रैक आ गया था
Singers - Bhupinder and Chitra
अतीत से आती हूई हँसी और आवाज़ बहुत दूर नहीं लगी
ऐसे ही लगा जैसे आवाज़ अभी तक बीती नहीं है
शायद कोहरे मे हाथ बढ़ाये तो छू ही ले उसे
घड़ी देखी, सेकेंड की सूई अपने पहरे पर परेड कर रही थी
और अभी तक उसके आने की कोई आहट नहीं थी .
रात मे शागाफ़ आ गया था - क्रैक आ गया था
आधी रात कट चुकी थी
वो रात भी ऐसे ही कटी थी
इकेसवी मंजिल पर एक घूमते हुए रेस्टुरेंट मे
शायद टोरंटो मे था
वो दो ही थे और घड़ी देखी थी
वो दो ही थे और घड़ी देखी थी
तो उसने अपना हाथ रख दिया था उसपर
इतना बड़ा हाथ था उसका
उसकी दोनों कलियाँ बंद हो जाया करतीं थी, लॉक हो जाती थीं
अपनी बोझिल आँखों से उसने देखा था उसकी तरफ
और उसकी आँखों की आवाज़ सुनाई दी थी
तुम्हारी आँखों का रंग भी तो आसमानी है
इतना बड़ा हाथ था उसका
उसकी दोनों कलियाँ बंद हो जाया करतीं थी, लॉक हो जाती थीं
अपनी बोझिल आँखों से उसने देखा था उसकी तरफ
और उसकी आँखों की आवाज़ सुनाई दी थी
तुम्हारी आँखों का रंग भी तो आसमानी है
आसमानी रंग हैं आसमानी आँखों का
आँखों में उड़ने दो
आसमां से वक़्त का परिंदा जब उड़े तो शाम होती है
शाम होती ही परिंदे आशियाँ में लौट आते हैं
आसमानी आँखें हैं..
शाम होती है तो रस्म है, चाँद का चराग जलता है
चाँद का चराग जब जले, पंछी सो जाते हैं
पंछी रात में अकेले सोते जागते हैं
साथ कोई सोये तो
नर्म नर्म ख्वाब आते हैं
ख्वाबों में उड़ने दो....
आसमानी रंग है, आसमानी आँखों का
कलाइयों से खोल दो ये
नब्ज़ की तरह तड़पता वक़्त तंग करता है
कलाइयों जब से मने तेरे हाथ पहने हैं
रुक गयी है नब्ज़ और
वक़्त उड़ता रहता है
आसमान काट कर , पहन ले जिस्म पर
रूहों को उड़ने दो...
आसमानी रंग है, आसमानी आँखों का
आँखों में उड़ने दो
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