फिल्म - दम लगा के हईशा
गाना - ये मोह मोह के धागे
संगीतकार - अनु मालिक
गीतकार - वरुण ग्रोवर
गायक - मोनाली ठाकुर
मोह मोह के धागे ...
सारी हदों को तोड़ के जब आती है तेरी याद
नींद के कतरे काट काट के जागूं सारी रात..
तू...
मेरे सारे इम्तहानों को जवाब तू
मेरी सारी दास्तानों का हिसाब तू
तू सुबह तू सबा, मर्ज तू, तू दवा
गाना - दर्द करारा
गायक - कुमार सानु
ख़ुदा से ज़्यादा तुम पे ऐतबार करते हैं
गुनाह है जान के भी बार बार करते हैं
बार बार करते हैं..
तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखता हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा
तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखता हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा..
कोरे कोरे कागज़ जिन पे बेकस
कोरे कोरे कागज़ जिनपे बेकस
लिखता हूँ ये खुलासा...
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वोही जिसे इश्क़ ने मारा..
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वोही जिसे इश्क़ ने मारा...
तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखती हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा
तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखती हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा
कोरे कोरे कागज़ जिनपे बेकस
कोरे कोरे कागज़ जिनपे बेकस
लिखती हूँ ये खुलासा
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वोही जिसे इश्क़ ने मारा
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वोही जिसे इश्क़ ने मारा
अभी अभी धुप थी यहां पे लो
अब बरसातों की धारा..
जेबें हैं खाली, प्यार के सिक्कों से
आओ कर लें गुज़ारा...
कभी कभी आईने से पुछा है
किसने रूप संवारा ?
कभी लगूं मोहिनी कभी लगूं चाँदनी
कभी चमकीला सितारा
कितना संभल ले, बचकर चल लें
दिल तो ढीठ आवारा
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वोही जिसे इश्क़ ने मारा
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वोही जिसे इश्क़ ने मारा
गाना - सुन्दर सुशिल
सोबर स्वीट हाई इन्कम ढूँढेंगे
आँखें बड़ी सोनपरी
गाना - ये मोह मोह के धागे
संगीतकार - अनु मालिक
गीतकार - वरुण ग्रोवर
गायक - मोनाली ठाकुर
मोह मोह के धागे ...
ये मोह मोह के धागे
तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह ना लागे
किस तरह गिरह ये सुलझे
है रोम रोम इकतारा
तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह ना लागे
किस तरह गिरह ये सुलझे
है रोम रोम इकतारा
जो बादलों में से गुज़रे
ये मोह मोह के धागे..
ये मोह मोह के धागे..
तू होगा ज़रा पागल, तूने मुझको है चुना
कैसे तूने अनकहा, तूने अनकहा सब सुना
तू होगा ज़रा पागल, तूने मुझको है चुना
कैसे तूने अनकहा, तूने अनकहा सब सुना
तू होगा ज़रा पागल, तूने मुझको है चुना
तू दिन सा है, मैं रात
आना दोनों मिल जाएँ शामों की तरह..
ये मोह मोह के धागे..
आना दोनों मिल जाएँ शामों की तरह..
ये मोह मोह के धागे..
की ऐसा बेपरवाह मन पहले तो न था
चिट्ठियों को जैसे मिल गया
चिट्ठियों को जैसे मिल गया
जैसे इक नया सा पता
की ऐसा बेपरवाह मन पहले तो न था
खाली राहें, हम आँख मूंदे जाएँ
पहुंचे कहीं तो बेवजह...
ये मोह मोह के धागे
तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह ना लागे
किस तरह गिरह ये सुलझे....
गाना - तू..
गायक - कुमार सानु
तू..
मेरे सारे इम्तहानों का जवाब तू
मेरी सारी दास्तानों का हिसाब तू
मेरे सारे इम्तहानों को जवाब तू...
की ऐसा बेपरवाह मन पहले तो न था
खाली राहें, हम आँख मूंदे जाएँ
पहुंचे कहीं तो बेवजह...
ये मोह मोह के धागे
तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह ना लागे
किस तरह गिरह ये सुलझे....
गाना - तू..
गायक - कुमार सानु
तू..
मेरे सारे इम्तहानों का जवाब तू
मेरी सारी दास्तानों का हिसाब तू
मेरे सारे इम्तहानों को जवाब तू...
सारी हदों को तोड़ के जब आती है तेरी याद
नींद के कतरे काट काट के जागूं सारी रात..
तू...
मेरे सारे इम्तहानों को जवाब तू
मेरी सारी दास्तानों का हिसाब तू
तू सुबह तू सबा, मर्ज तू, तू दवा
तू कातिल है, तू ही गवाह
तू कदम, तू सफ़र
तू सफ़र की रहगुज़र
तू रास्ते का मीठा कुआं
जान-ए-तमन्ना मेरी तिश्नगी तू...
मेरी तिश्नगी तू...
तू..
मेरे सारे इम्तिहानों का जवाब तू...
मेरी सारी दास्तानों का हिसाब तू..
गाना - दर्द करारा
गायक - कुमार सानु
ख़ुदा से ज़्यादा तुम पे ऐतबार करते हैं
गुनाह है जान के भी बार बार करते हैं
बार बार करते हैं..
तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखता हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा
तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखता हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा..
कोरे कोरे कागज़ जिन पे बेकस
कोरे कोरे कागज़ जिनपे बेकस
लिखता हूँ ये खुलासा...
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वोही जिसे इश्क़ ने मारा..
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वोही जिसे इश्क़ ने मारा...
तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखती हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा
तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखती हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा
कोरे कोरे कागज़ जिनपे बेकस
कोरे कोरे कागज़ जिनपे बेकस
लिखती हूँ ये खुलासा
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वोही जिसे इश्क़ ने मारा
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वोही जिसे इश्क़ ने मारा
अभी अभी धुप थी यहां पे लो
अब बरसातों की धारा..
जेबें हैं खाली, प्यार के सिक्कों से
आओ कर लें गुज़ारा...
कभी कभी आईने से पुछा है
किसने रूप संवारा ?
कभी लगूं मोहिनी कभी लगूं चाँदनी
कभी चमकीला सितारा
कितना संभल ले, बचकर चल लें
दिल तो ढीठ आवारा
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वोही जिसे इश्क़ ने मारा
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीने लगा वोही जिसे इश्क़ ने मारा
गाना - सुन्दर सुशिल
गायक - मालिनी अवस्थी, राहुल राम
सुन्दर सुशिल थोड़ी स्पेशल ढूँढेंगे
नॉट टेम्पररी, अरे नॉट टेम्पररी
परमानेंट ढूँढेंगे
सोबर स्वीट हाई इन्कम ढूँढेंगे
नॉट टेम्पररी, परमानेंट ढूँढेंगे
आँखें बड़ी सोनपरी
हाथ में हो जादू छड़ी
सोलह आने मन की खरी खोजेंगे हम
बाइक भी हो कार भी हो
अच्छे संस्कार भी हो
पूरा वफादार भी हो, सोचेंगे तब
शिमला कुल्लू मनाली जो संग संग जाए
शाम को घर आते आते सब्जी भी लाये
ऐसा ही..ऐसा ही..ऐसा ही..
ऐसा डिफरेंट ढूँढेंगे..
ग्रेजुएट शालीन थोड़ा चंचल ढूँढेंगे
दिखने में न हो जो अंकल ढूँढेंगे
गृहकार्य में ज़रा दक्ष ढूँढेंगे
आर्डिनरी नहीं, आर्डिनरी नहीं
डीलक्स ढूँढेंगे...
मोतियों से दांत भी हो
फ्रेंड वाली बात भी हो
कान्वेंट से पढ़ के आई वो खोजेंगे
सूट में जो अच्छे लगे
शेव करे बच्चा लगे
आम थोड़ा कच्चा लगे, वही लेंगे
गीत गाकर रातों में जो सुलाए
सरकारी नौकरी के सुख दिलाये
ऐसा ही..ऐसा ही..
ऐसा ही सौ परसेंट ढूँढेंगे
मॉडर्न ट्रेडिशनल का मिक्स ढूँढेंगे
फ्यूज करना आता हो फिक्स ढूँढेंगे
संस्कारी स्लिम मिल्की वाइट ढूँढेंगे
आगे पीछे सब तरफ से राईट ढूँढेंगे
सोबर स्वीट हाई इन्कम ढूँढेंगे
नॉट टेम्पररी परमानेंट ढूँढेंगे
हसमुख नमकीन वाला मक्खन ढूँढेंगे
नेचर से न हो जो ढक्कन ढूँढेंगे