फिल्म-साथी (1991)
गाना- हुई आँख नम
संगीतकार- नदीम-श्रवण
गीतकार- समीर
गायिका- अनुराधा
पौडवाल
हुई आँख नम और ये
दिल मुस्कराया
हुई आँख नम और ये
दिल मुस्कराया
तो साथी कोई भूला
याद आया
हाँ आया साथी कोई
भूला याद आया
मोहब्बत का जब भी
कहीं जिक्र आया
मोहब्बत का जब भी
कहीं जिक्र आया
तो साथी कोई भूला
याद आया
हाँ आया, साथी
कोई भूला याद आया
क्या यही प्यार
करने का अंजाम है
दिल लगाने का ये
कैसा ईनाम है
दिल लगाने का ये
कैसा ईनाम है
हँसी जिसको दी है
उसी ने रुलाया
हँसी जिसको दी है
उसी ने रुलाया
तो साथी कोई भूला
याद आया
हाँ आया, साथी
कोई भूला याद आया
इस तरह
रस्मे-उल्फत अदा कीजिए
दिल किसी का न
टूटे दुआ कीजिए
दिल किसी का न
टूटे दुआ कीजिए
कभी रेत पर घर
किसी ने बनाया
कभी रेत पर घर
किसी ने बनाया
तो साथी कोई भूला
याद आया
हाँ आया, साथी
कोई भूला याद आया
रूठ जाते हैं बन
के मुकद्दर यहाँ
छूट जाते हैं
हाथों से सागर यहाँ
छूट जाते हैं
हाथों से सागर यहाँ
कभी सर्द शबनम ने
कोई घर जलाया
कभी सर्द शबनम ने
कोई घर जलाया
तो साथी कोई भूला
याद आया
हाँ आया, साथी
कोई भूला याद आया
हुई आँख नम और ये
दिल मुस्कराया
हुई आँख नम और ये
दिल मुस्कराया
तो साथी कोई भूला
याद आया
हाँ आया साथी कोई
भूला याद आया
तो साथी कोई भूला
याद आया
हाँ आया साथी कोई
भूला याद आया