कुछ तुम सोचो, कुछ हम सोचें



Title: कुछ तुम सोचो कुछ हम सोचें - kuchh tum socho kuchh ham sochen
Album: Deewana
Music Director: Sajid-Wajid
Lyricist: Faaiz Anwar
Singer: Sonu Nigam



कुछ तुम सोचो, कुछ हम सोचें,
फिर ख़ुशी का मौसम आए 
तन्हा-तन्हा कौन जिया है
रहके तन्हा दिल घबराए 
आ जाओ मिलके रिश्ता ये जोड़ें, 
शर्तें बदल दें रस्मों को तोड़ें 
इससे पहले कि ये दुनिया हमें आज़माए 
कुछ तुम सोचो, कुछ हम सोचें...

आई हैं ख़ुशियों का पैग़ाम लेके बहारें 
ये पल है अपना, इस पल में आओ तक़दीर अपनी सँवारें
ख़ाली-ख़ाली इस जीवन में प्यार भर लें हम तुन दोनों 
दीवाने जो करते अक्सर वो ही कर लें हम तुम दोनों 
इन फ़ासलों को आओ मिटा दें, इक दूसरे में ख़ुद को छुपा दें 
इससे पहले कि ये दुनिया हमें आज़माए 
कुछ तुम सोचो ... 

दुनिया की रस्मों को चाहत में शामिल न करना 
मंज़िल हम अपनी पाके रहेंगे, हाँ तुम किसी से ना डरना
पागल रस्में, पागल दुनिया, और थोड़े हम तुम पागल 
क़िस्मत में हो ना जाने क्या, सोचते हैं बस ये हर पल 
अरमाँ है जिसका सपना वो बुन लें 
तुम हमको चुन लो, हम तुमको चुन लें 
इससे पहले कि ये दुनिया हमें आज़माए 
कुछ तुम सोचो, कुछ हम सोचें,
फिर ख़ुशी का मौसम आए 

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