टूटी हुई बिखरी हुई



टूटी हुई बिखरी हुई चाय
की दली हुई पांव के नीचे
पत्तियां
मेरी कविता

बाल झड़े हुए, मैल से रूखे, गिरे हुए गर्दन से फिर भी
चिपके
....कुछ ऐसी मेरी खाल
मुझसे अलग सी, मिट्टी में
मिली -सी

दोपहर-बाद की धुप-छांह खड़ी इंतज़ार की ठेलेगाड़ियाँ
जैसे मेरी पसलियाँ...
खाली बोरे सूजों से रफ़ू किये जा रहे हैं....जो
मेरी आँखों का सूनापन हैं

ठण्ड भी मुस्कराहट लिए हुए है
जो की मेरी दोस्त है !

कबूतरों ने एक ग़ज़ल गुनगुनाई...
मैं समझ ना सका, रदीफ़-काफिए क्या थे
इतना खफिफ़, इतना हल्का, इतना मीठा
उनका दर्द था!

आसमान में गंगा की रेत आइने की तरह हिल रही है
मैं उसी में कीचड़ की तरह सो रहा हूँ
और चमक रहा हूँ कहीं...
ना जाने कहाँ !

मेरी बांसुरी है एक नाव की पतवार-
जिसके स्वर गीले हो गए हैं
छप छप छप मेरा ह्रदय कर रहा है
छप.छप छप !

वह पैदा हुआ है जो मेरी मृत्यु को सँवारने वाला है
वह दूकान मैंने खोली है जहाँ "प्वाइज़न" का लेबुल लिए हुए
दवाइयां हँसती हैं -
उनके इंजेक्शन की चिकोटियों में बड़ा प्रेम है

वह मुझ पर हंस रही है, जो मेरे होठों पर तलुए
के बल खड़ी है
मगर उसके बाल मेरी पीठ के नीचे दबे हुए हैं
और मेरी पीठ को समय के बारीक तारों की तरह
खुरच रहे हैं

उसके चुम्बन की स्पष्ट परछाइयाँ मुहर बनकर उसके
तलुओं के ठप्पे से मेरे मुह को कुचल चुकी हैं
उसका सीना मुझको पीसकर बराबर कर चुका है !

मुझको प्यास के पहाड़ों पर लिटा दो जहाँ मैं
एक झरने की तरह तड़प रहा हूँ !
मुझको सूरज की किरणों में जलने दो -
ताकि उसकी आंच और लपट में तुम
फौव्वारों की तरह नाचो !

मुझको जंगली फूलों की तरह ओस से टपकने दो
ताकि उनकी दबी हुई खुश्बू से अपने पलकों की
उनिन्दी जलन को तुम भिगा सको, मुमकिन है तो !
हां, तुम मुझसे बोलो, जैसे मेरे दरवाजे की शर्माती चूलें
सवाल करती हैं बार - बार .... मेरे दिल के
अनगिनत कमरों से

हाँ, तुम मुझसे प्रेम करो जैसे मछलियाँ लहरों से करती हैं
....जिनमें वो फंसने नहीं आती
जैसे हवाएं मेरे सीने से करती हैं
जिसको वह गहराई तक दबा नहीं पाती
तुम मुझसे प्रेम करो जैसे मैं तुमसे करता हूँ

आइनों, रोशनी में घुल जाओ और आसमान में
मुझे लिखो और मुझे पढ़ो
आइनों, मुस्कुराओ और मुझे मार डालो
आइनों, मैं तुम्हारी ज़िन्दगी हूँ !

उसमें काटें नहीं थे - सिर्फ एक बहुत
काली, बहुत लम्बी जुल्फ थी जो ज़मीन तक
साया किये हुए थी.... जहाँ मेरे पांव
खो गए थे !

वह गुल मोतियों को चबाता हुआ सितारों को
अपनी कनखियों में घुलाता हुआ, मुझ पर
एक ज़िन्दा इत्रपाश बनकर बरस पड़ा !

और तब मैंने देखा की मैं सिर्फ एक साँस हूँ जो उसकी
बूंदों में बस गयी है
जो तुम्हारे सीनों में फांस की तरह ख्वाब में
अटकती होगी, बुरी तरह खटकती होगी

मैं उसके पाओं पर कोई सिजदा ना बन सका
क्यूंकि मेरे झुकते ना झुकते
उसके पांव की दिशा मेरी आँखों को लेकर
खो गई थी !

जब तुम मुझे मिले, एक खुला फटा हुआ लिफाफा
तुम्हारे हाथ आया
बहुत उल्टा-पल्टा - उसमें कुछ ना था -
तुमने उसे फेक दिया - तभी जाकर मैं नीचे
पड़ा हुआ तुम्हें 'मैं" लगा ! तुम उसे
उठाने के लिए झुके भी, पर फिर कुछ सोचकर
मुझे वहीँ छोड़ दिया! मैं तुमसे
यों ही मिल लिया

मेरी यादाश्त को तुमने गुनाहगार बनाया - और उसका
सूद बहुत बढाकर मुझसे वसूल किया ! और तब
मैंने कहा -अगले जनम में ! मैं इस
तरह मुस्कुराया जैसे शाम के पानी में
डूबते पहाड़ ग़मगीन मुस्कुराते हैं!

मेरी कविता की तुमने खूब दाद दी - मैंने समझा
तुम अपनी ही बातें सूना रहे हो
तुमने मेरी
कविता की खूब दाद दी

तुमने मुझे जिस रंग में लपेटा, मैं लिपटता गया:
और जब लपेट ना खुले - तुमने मुझे जला दिया
मुझे, जलते हुए को भी तुम देखते रहे: और वह
मुझे अच्छा लगता रहा !

एक खुश्बू जो मेरी पलकों में इशारों की तरह
बस गई है, जैसे तुम्हारे नाम की नन्ही-सी
स्पेलिंग हो, छोटी-सी प्यारी सी, तिरछी स्पेलिंग,

आह, तुम्हारे दाँतों से जो दूब के तिनके की नोक
उस पिकनिक में चिपकी रह गई थी,
आज तक मेरी नींद में गड़ती है !

अगर मुझे किसी से इर्ष्या होती तो मैं
दूसरा जन्म बार बार हर घंटे लेता जाता:
पर मैं तो इसी शरीर में अमर हूँ
तुम्हारी बरकत

बहुत से तीर, बहुत सी नावें, बहुत से पर इधर
उड़ते हुए आये, घूमते हुए गुज़र गए
मुझको लिए सबके सब | तुमने समझा
की उनमें तुम थे ! नहीं, नहीं, नहीं !
उनमें कोई ना था ! सिर्फ बीती हुई
अनहोनी और होनी की उदास
रंगीनियाँ थीं! फ़क़त !!

याद है बारिशों का दिन, पंचम

Title - याद है बारिशों का दिन पंचम - yaad hai baarishon ka din pancham
Album - Chaand parosa hai 
Lyrics - Gulzar
Singer - Bhupinder
Music - Vishal Bharadwaaj


याद है बारिशों का दिन, पंचम
याद है जब पहाड़ी के नीचे वादी में
धुंध से झांककर निकलती हुई
रेल की पटरियां गुज़रती थीं
धुंध में ऐसे लग रहे थे हम
जैसे दो पौधे पास बैठे हों
हम बहुत देर तक वहां बैठे
उस मुसाफिर का जिक्र करते रहे
जिसको आना था पिछली शब, लेकिन
उसकी आमद का वक्‍त टलता रहा
देर तक पटरियों पर बैठे हुए
रेल का इंतज़ार करते रहे
रेल आई ना उसका वक्‍त हुआ
और तुम, यूं ही दो क़दम चलकर
धुंध पर पांव रखके चल भी दिए

मैं अकेला हूं धुंध में 'पंचम' ।।


Yaad hai baarishon ka din, Pancham?
yaad hai jab pahaadi ke neeche vaadi mein,
dhoondh se jhaankkar nikalti hui
rel ki patriyaan guzarti thin
dhoondh mein aise lag rahe the hum
Jaise do paudhe paas baithe ho 

Hum bahut der tak wahan baithe 
Us musafir ka jikr karte rahe
Jisko aana tha pichhli shab, lekin
uski aamad ka waqt talta raha
der tak patriyon par baithe hue 
rel ka intzar karte rahe
rel aayi, na uska waqt hua 
aur tum yuhin do kadam chalkar
dhundh par paaon rakhkar chal bhi diye?

main akela hun dhundh mein pancham !!

दस कहानियां की सभी नज्में



सतरंज की बाजी 
पूरे का पूरा आकाश घुमा कर बाज़ी देखी मैंने
काले घर में सूरज रख के तुमने शायद सोचा था..
मेरे सब मोहरे पिट जायेंगे,
मैंने इक चिराग जला कर
अपना रास्ता खोल लिया
तुमने एक समंदर हाथ में लेकर मुझ पर ढेल दिया
मैंने नूह की कश्ती उसके ऊपर रख दी
काल चला तुमने, और मेरी जानिब देखा
मैंने काल को तोड़ के लम्हा लम्हा जीना सीख लिया
मेरी खुदी को तुमने चंद चमत्कारों से मारना चाहा
मेरे एक प्यादे ने तेरा चाँद का मोहरा मार लिया
मौत की शह देकर तुमने समझा था, अब तो मात हुई
मैंने जिस्म का खोल उतार कर सौंप दिया और रूह बचा ली
पूरे का पूरा आकाश घुमा कर अब तुम देखो बाज़ी ...




ख़ुदकुशी

बस एक लमहे का झगड़ा था..
दर-ओ-दीवार पर ऐसे छनाके से गिरी आवाज़,
जैसे काँच गिरता है...
हर एक शय में गई, उड़ती हुई, जलती हुई किरचियाँ..
नज़र में, बात में, लहज़े में..
सोच और साँस के अंदर,
लहू होना था एक रिश्ते का, सो वो हो गया उस दिन..
उसी आवाज़ के टुकड़े उठा कर फर्श से उस शब
किसी ने काट ली नब्ज़ें
न की आवाज़ तक कुछ भी,
कि कोई जाग ना जाए..
बस एक लमहे का झगड़ा था..




सेक्स ऑन द बीच

मुझे तलाश नहीं है 
मगर वो मिलती है 
किसी ख्याल की जुम्बिश ए आरजू की तरह 
जिसका कोई चेहरा नहीं 
कोई बगुला हवा का ज़मीन से उड़ता हुआ 
या रौशनी हो कहीं और एक साया बहुत पास गिरे 
किताब खोलो तो किरदार गिर पड़े कोई
मैं जानता भी नहीं कौन है मगर वाबस्ता है मुझसे 
मुझे तलाश नहीं  है
मगर वो मिलती है 




हटक 

आले भरवा दो मेरे आँखों के
बंद करवा के उनपे ताले लगवा दो
जिस्म के जुम्बईशों पे पहले ही तुमने
अहकाम बाँध रखे हैं
मेरी आवाज़ रेंग कर निकलती है
ठाँक कर जिस्म भारी परदो में, 
दर दरिचों पे पहरे रखते हो
फ़िक्र रहती है रात दिन तुमको 
कोई सामान चोरी ना करले
एक छोटा सा काम और कर दो
अपनी उंगली डुबो कर रोगन में
तुम मेरे जिस्म पेर लिख दो
इसके जोला हुकूक अब तुम्हारे हैं
इसके जोला हुकूक अब तुम्हारे हैं
इसके सारे हक़ अब तुम्हारे हैं




रात तामीर करें 

एक रात चलो तामीर करें , ख़ामोशी के संगेमरमर पे 
हम तान के तारीकी सर पे, दो शम्माएं जलाएं जिस्मों की 
जब ओस दबे पांव उतरे, आहट भी न पाए साँसों की 
कोहरे की रेशमी खुशबू में, खुशबू की ही तरह लिपटे रहे 
और जिस्म के सौंधे पर्दों में, रूहों की तरह लहराते रहे 
एक रात चलो तामीर करें 




तलाक

वक़्त वक़्त को जितना गूँध सके हम गूँध लिया
आटे की मिक़्दार कभी बढ़ भी जाती है
भूख मगर इक हद से आगे बढ़ती नहीं
पेट के मारों की ऐसी ही आदत है-
भर जाए तो दस्तरख़्वान से उठ जाते हैं।
आओ, अब उठ जाएँ दोनों
कोई कचहरी का खूँटा दो इंसानों को
दस्तरख़्वान पे कब तक बाँध के रख सकता है
कानूनी मोहरों से कब रुकते हैं, या कटते हैं रिश्ते
रिश्ते राशन कार्ड नहीं हैं



तेरे उतारे हुए दिन 


तेरे उतारे हुए दिन टँगे हैं लॉन में अब तक
ना वो पुराने हुए हैं न उनका रंग उतरा
कहीं से कोई भी सीवन अभी नहीं उधड़ी
इलायची के बहुत पास रखे पत्थर पर
ज़रा सी जल्दी सरक आया करती है छाँव
ज़रा सा और घना हो गया है वो पौधा
मैं थोड़ा थोड़ा वो गमला हटाता रहता हूँ
फकीरा अब भी वहीं मेरी कॉफी देता है
गिलहरियों को बुलाकर खिलाता हूँ बिस्कुट
गिलहरियाँ मुझे शक़ की नज़रों से देखती हैं
वो तेरे हाथों का मस्स जानती होंगी...
कभी कभी जब उतरती हैं चील शाम की छत से
थकी थकी सी ज़रा देर लॉन में रुककर
सफेद और गुलाबी मसूरे के पौधों में घुलने लगती है
कि जैसे बर्फ का टुकड़ा पिघलता जाए विहस्की में
मैं स्कार्फ दिन का गले से उतार देता हूँ
तेरे उतारे हुए दिन पहन कर 
अब भी मैं तेरी महक में कई रोज़ काट देता हूँ
तेरे उतारे हुए दिन टँगे हैं लॉन में अब तक
ना वो पुराने हुए हैं न उनका रंग उतरा
कहीं से कोई भी सीवन अभी नहीं उधड़ी..



ख़ाली समंदर
उसे फिर लौट के जाना है
ये मालूम था उस वक़्त भी जब शाम की
सुर्ख-ओं-सुनहरी रेत पर वह दौड़ती आई थी
और लहरा के
यूं आग़ोश में बिखरी थी 
जैसे पूरे का पूरा समंदर ले के उमड़ी है

उसे जाना है, वो भी जानती तो थी
मगर हर रात फिर भी 
हाथ रख कर चाँद पर खाते रहे कसमे
ना मैं उतरूँगा अब साँसों के साहिल से,
ना वो उतरेगी मेरे आसमाँ पर झूलते तारों की पींगों से
मगर जब कहते-कहते दास्ताँ 
फिर वक़्त ने लम्बी जम्हाई ली,
ना वो ठहरी
ना मैं ही रोक पाया था!
बहुत फूँका सुलगते चाँद को, फिर भी उसे
इक इक कला घटते हुए देखा
बहुत खींचा समंदर को मगर साहिल तलक हम ला नहीं पाये,
सहर के वक़्त फिर उतरे हुए साहिल पे
इक डूबा हुआ ख़ाली समंदर था!



बौछार 
मैं कुछ-कुछ भूलता जाता हूँ अब तुझको
तेरा चेहरा भी धुँधलाने लगा है अब तख़य्युल में
बदलने लग गया है अब वह सुबह शाम का मामूल
जिसमें तुझसे मिलने का भी एक मामूल शामिल था
तेरे खत आते रहते थे
तो मुझको याद रहते थे
तेरी आवाज़ के सुर भी
तेरी आवाज़, को काग़ज़ पे रखके
मैंने चाहा था कि पिन कर लूँ
कि जैसे तितलियों के पर लगा लेता है कोई अपनी एलबम में
तेरा बे को दबा कर बात करना
वॉव पर होठों का छल्ला गोल होकर घूम जाता था
बहुत दिन हो गए देखा नहीं ना खत मिला कोई
बहुत दिन हो, गए सच्ची
तेरी आवाज़ की बौछार में भीगा नहीं हूँ मैं



देर आयद 
आठ ही बिलियन उम्र ज़मीं की होगी शायद
ऐसा ही अंदाज़ा है कुछ ‘साईन्स’ का
चार अशारिया छ: बिलियन सालों की उम्र तो
बीत चुकी है
कितनी देर लगा दी तुम ने आने में
और अब मिल कर
किस दुनिया की दुनियादारी सोच रही हो
किस मज़हब और ज़ात और पात की फ़िक्र लगी है
आओ चलें अब
तीन ही ‘बिलियन’ साल बचे हैं!

आसमानी रंग है


Title - आसमानी रंग है - Aasmani rang hai
Album - Sunset Point 
Lyrics - Gulzar 
Music - Vishal Bharadwaaj
Singers - Bhupinder and Chitra



वो अभी तक पुल पर खड़ी थी,
अतीत से आती हूई हँसी और आवाज़ बहुत दूर नहीं लगी
ऐसे ही लगा जैसे आवाज़ अभी तक बीती नहीं है
शायद कोहरे मे हाथ बढ़ाये तो छू ही ले उसे
घड़ी देखी, सेकेंड की सूई अपने पहरे पर परेड कर रही थी
और अभी तक उसके आने की कोई आहट नहीं थी .
रात मे शागाफ़ आ गया था - क्रैक आ गया था  

आधी रात कट चुकी थी 
वो रात भी ऐसे ही कटी थी 
इकेसवी मंजिल पर एक घूमते हुए रेस्टुरेंट मे  
शायद टोरंटो मे था
वो दो ही थे और घड़ी देखी थी 
तो उसने अपना हाथ रख दिया था उसपर
इतना बड़ा हाथ था उसका
उसकी दोनों कलियाँ बंद हो जाया करतीं थी, लॉक हो जाती थीं
अपनी बोझिल आँखों से उसने देखा था उसकी तरफ
और उसकी आँखों की आवाज़ सुनाई दी थी
तुम्हारी आँखों का रंग भी तो आसमानी है


आसमानी रंग हैं आसमानी आँखों का 
आँखों में उड़ने दो 

आसमां से वक़्त का परिंदा जब उड़े तो शाम होती है 
शाम होती ही परिंदे आशियाँ में लौट आते हैं 
आसमानी आँखें हैं..
शाम होती है तो रस्म है, चाँद का चराग जलता है 
चाँद का चराग जब जले, पंछी सो जाते हैं 

पंछी रात में अकेले सोते जागते हैं 
साथ कोई सोये तो 
नर्म नर्म ख्वाब आते हैं
ख्वाबों में उड़ने दो....

आसमानी रंग है, आसमानी आँखों का

कलाइयों से खोल दो ये 
नब्ज़ की तरह तड़पता वक़्त तंग करता है 
कलाइयों जब से मने तेरे हाथ पहने हैं 
रुक गयी है नब्ज़ और 
वक़्त उड़ता रहता है 
आसमान काट कर , पहन ले जिस्म पर
रूहों को उड़ने दो...

आसमानी रंग है, आसमानी आँखों का
आँखों में उड़ने दो


सँवार लूँ

Title - सँवार लूँ - Sanwaar loon
Movie - Lootera 
Lyricist : Amitabh Bhattacharya 
Music Director : Amit Trivedi 
Singer : Monali Thakur


हवा के झोंके आज मौसमों से रूठ गये
गुलों की शोखियां जो भंवरे आके लूट गये 
बदल रही हैं आज ज़िंदगी की चाल ज़रा 
इसी बहाने क्यूँ ना मैं भी दिल का हाल ज़रा 
सँवार लूँ हाए सँवार लूँ सँवार लूँ हाए सँवार लूँ 

बरामदे पुराने हैं, नयी सी धूप हैं 
जो पलके खटखटा रहा हैं किसका रूप हैं 
शरारातें करे जो ऐसे 
भूलके हिजाब कैसे 
उसको नाम से, मैं पुकार लूँ 
सँवार लूँ हाए सँवार लूँ सँवार लूँ हाए सँवार लूँ 

यह सारी कोयलें बनी हैं आज डाकियाँ 
कूहु-कूहु में चिठ्ठियाँ पढ़े मज़ाकियाँ 
इन्हे कहो की ना छुपाये किसने है लिखा 
बताये उसकी आज मैं नज़र उतार लूँ 
सँवार लूँ हाए सँवार लूँ सँवार लूँ हाए सँवार लूँ 

हवा के झोंके आज मौसमों से रूठ गये 
गुलों की शोखियां जो भंवरे आके लूट गये 
बदल रही हैं आज ज़िंदगी की चाल ज़रा 
इसी बहाने क्यूँ ना मैं भी दिल का हाल ज़रा



Hawa ke jhonke aaj mausamo se ruth gaye
gulon ki shokhiyaan jo bhanvre aake loot gaye
badal rahi hai aaj zindagi ki chaal zara
Isi bahaane kyun naa main bhi dil ka haal zara
Sanwaar loon haaye sawaar loon

baramade purane hain, nayi si dhoop hai
jo palke khatkhata raha hai kiska roop hai
shararatein kare jo aise bhul ke hizab kaise
usko naam se, main pukar loon
sawaar loon, sawaar loon
sawaar loon haaye sawaar loon

yeh saari koyalein bani hain aaj daakiyan
kuhu-kuhu me chitthiyan padhe mazakiyaan
inhe kaho ki naa chhupaaye
kisne hai likha bataaye,
uski aaj main nazar utaar loon
sawaar loon haaye sawaar loon
sawaar loon, sawaar loon!

hawa ke jhonke aaj mausamon se rooth gaye
gulon ki shokhiyaan jo bhanwre aake loot gaye
badal rahi hai aaj zindagi ki chaal zara
isi bahaane kyun naa main bhi dil ka haal zara
sawaar loon haaye sawaar loon
sawaar loon, sawaar loon!

कुछ शेर : ३


उल्फ़त भी अजब शै है जो दर्द वही दरमाँ
पानी पे नही गिरता जलता हुआ परवाना

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

जो सीने में दिल है तो बारे मुहब्बत
उठे या न उठे , उठाना पड़ेगा

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

आदत के बाद दर्द भी देने लगा है लुत्फ़
हंस हंस के आह आह किये जा रहा हूँ मैं

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

आदत के बाद दर्द भी देने लगा है लुत्फ़
हंस हंस के आह आह किये जा रहा हूँ मैं

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

दो तुंद हवाओं पर बुनियाद है तूफां की
या तुम न हसीं होते या मैं न जवां होता

- आरजू लखनवी



मुझे आता है रोना ऐसी तन्हाई पे ऐ “ताबाँ”
न यार अपना,न दिल अपना,न तन अपना,न जाँ अपनी

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

“ताबाँ” किसी से दर्द हमारा छुपा नहीं
आती है बूए दर्द हमारे सुख़न के बीच

- मीर अब्दुलहई



जब से उसने शहर को छोड़ा , हर रास्ता सुनसान हुआ
अपना क्या है सारे शहर का, इक जैसा नुकसान हुआ

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

मासूमियत का ये अंदाज़ भी मेरे सनम का है मोहसिन
उसको तसवीर में भी देखूं तो पलकें झुका लेता है

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

उसका मिलना ही मुकद्दर में नहीं था
वरना क्या क्या नहीं खोया उसे पाने के लिये

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

नादानी की हद है, ज़रा देख तो उसे मोहसिन
मुझे खो कर मेरे जैसा ढूँढ रहा है

-मोहसिन

आज उनका ख़त आया चाँद के लिफ़ाफ़े में
रात के अँधेरे में उंगलियां चमकती हैं

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

दाग़ दुनिया ने दिये, ज़ख्म ज़माने से मिले
हम को ये तोहफ़े तुम्हें दोस्त बनाने से मिले

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

गुल से लिपटी हुई तितली को गिराकर देखो
आंधियों तुमने दरख्तों को गिराया होगा

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

कैसे माने के उन्हें भूल गया तु ऐ कैफ
उन के खत आज हमें तेरे सरहाने से मिले


-कैफ भोपाली

आनेवाला पल, जानेवाला है

Title: आने वाला पल - aane wala pal
Movie : Golmal
Lyricist : Gulzar, 
Singer : Kishore Kumar
Music Director : Rahuldev Burman

आनेवाला पल, जानेवाला है
हो सके तो इस में जिन्दगी बिता दो 
पल जो ये जानेवाला है 

एक बार यूँ मिली, मासूम सी कली 
खिलते हुए कहाँ, खुशबाश मैं चली 
देखा तो यही है, ढूंढा तो नहीं है 
पल जो ये जानेवाला है 

एक बार वक्त से, लम्हा गिरा कही 
वहा दास्ताँ मिली, लम्हा कही नहीं 
थोडासा हँसा के, थोडासा रुला के 
पल ये भी जानेवाला है

रोज़ अकेली आए, रोज़ अकेली जाए


Title: रोज़ अकेली आए, रोज़ अकेली जाए -  Roz Akeli aaye, roz akeli jaaye
Film: Mere Apne
Music Director: Salil Choudhary
Lyricist: Gulzar
Singer: Lata Mangeshkar


रोज़ अकेली आए, रोज़ अकेली जाए
चाँद कटोरा लिए भिखारन रात 
रोज़ अकेली आए, रोज़ अकेली जाए 

मोतियों जैसे तारे, आँचल में हैं सारे
जाने ये फिर क्या माँगे भिखारन रात 
रोज़ अकेली आए, रोज़ अकेली जाए 

जोगन जैसी लागे, न सोए न जागे 
गली-गली में जाए भिखारन रात 
रोज़ अकेली आए... 

रोज़ लगाए फेरा, है कोई नन्हा सवेरा
गोद में भर दो, आई भिखारन रात 
रोज़ अकेली आए, रोज़ अकेली जाए
चाँद कटोरा लिए भिखारन रात 

हाल चाल ठीक ठाक है


Title: हाल चाल ठीक ठाक है, सब कुछ ठीक ठाक है - Haal chaal Thik Thaak hai
Film: Mere Apne
Music Director: Salil Choudhary
Lyricist: Gulzar
Singer: Kishore Kumar, Mukesh



हाल चाल ठीक ठाक है
सब कुछ ठीक ठाक है
बीए किया है एमए किया है
लगता है वह भी ऐंवे किया
काम नहीं है वरना यहाँ
आपकी दुआ से सब ठीक ठाक है

आबो-हवा देश की बहुत साफ़ है
क़ायदा है क़ानून है इंसाफ़ है
अल्लाह-मियाँ जाने कोई जिए या मरे
आदमी को खून वून सब माफ़ है

और क्या कहूं?
छोटी-मोटी चोरी रिश्वतखोरी
देती है अपना गुजारा यहाँ
आपकी दुआ से बाक़ी ठीक ठाक है

गोल मोल रोटी का पहिया चला
पीछे पीछे चाँदी का रुपैया चला
रोटी को बेचारी को चील ले गई
चाँदी ले के मुँह काला कौवा चला
और क्या कहूं?
मौत का तमाशा चला है बेतहाशा
जीने की फुरसत नहीं है यहाँ
आपकी दुआ से बाक़ी ठीक-ठाक है
हाल चाल ठीक ठाक है

चांदी जैसा रंग है तेरा , सोने जैसे बाल


Title : चांदी जैसा रंग है तेरा - Chaandi jaisa rang hai tera
Album : Jashn
Music Director : Pankaj Udhas
Singer : Pankaj Udhas
Lyricists :Mumtaz Rasheed


चांदी जैसा रंग है तेरा , सोने जैसे बाल
एक तू ही धनवान है गोरी , बाकी सब कंगाल

जिस रस्ते से तू गुजरे , वो फूलों से भर जाये
तेरे पैर की कोमल आहट सोते भाग जगाये
जो पत्थर छु ले गोरी तू वो हीरा बन जाये
तू जिसको मिल जाये वो हो जाये मालामाल
एक तू ही धनवान है गोरी , बाकी सब कंगाल

जो बे -रंग हो उस पर क्या क्या रंग जमाते लोग
तू नादाँ न जाने कैसे रूप चुराते लोग
नज़रें भर भर देखें तुझको आते जाते लोग
छैल छबीली रानी थोडा घूंघट और निकाल
एक तू ही धनवान है गोरी , बाकी सब कंगाल

धनक घटा कलियाँ और तारे सब हैं तेरा रूप
ग़ज़लें हों या गीत हों मेरे सब में तेरा रूप
यूँही चमकती रहे हमेशा तेरे हुस्न की धुप
तुझे नज़र न लगे किसी की जिए हजारों साल
एक तूही धनवान है गोरी , बाकी सब कंगाल

चांदी जैसा रंग है तेरा , सोने जैसे बाल
एक तू ही धनवान है गोरी , बाकी सब कंगाल



Chandi jaisa rang hai tera, sone jaise baal
Ek tuhi dhanvaan hai gori, baaki sub kangaal

Jis raste se tu guzre, wo phoolon se bhar jaye
Tere pair ki komal aahat sote bhaag jagaye
Jo patthar choo le gori tu wo heera ban jaye
Tu jisko mil jaye wo ho jaye malamal
Ek tuhi dhanvaan hai gori, baaki sub kangaal

Jo be-rang ho us par kya kya rang jamate log
Tu naadaan na jane kaise roop churate log
Nazaren bhar bhar dekhen tujhko aate jaate log
Chail chabeeli rani thoda ghoonghat aur nikaal
Ek tuhi dhanvaan hai gori, baaki sub kangaal

Dhanak ghata kaliyan aur tare sub hain tere roop
Ghazalen hon ya geet hon mere sub mein tera roop
Yunhi chamakti rahe hamesha tere husn ki dhoop
Tujhe nazar na lage kisi ki jiye hazaron saal
Ek tuhi dhanvaan hai gori, baaki sub kangaal

और आहिस्ता कीजिये बातें

Title - और आहिस्ता कीजिये बातें - Aur aahista kijiye baaten
Album - Wo chaandni Raaten
Lyricist : Zafar Gorakhpuri,
Singer : Pankaj Udhas

और आहिस्ता कीजिये बातें
धड़कनें कोई सुन रहा होगा 
लब्ज़ गिरने ना पाये होंठों से 
वक़्त के हाथ इनको चुन लेंगे 
कान रखते हैं यह दरों-दीवार 
राज की सारी बात सुन लेंगे 
और आहिस्ता कीजिये बातें 

ऐसे बोलो के दिल का अफ़साना 
दिल सुने और निगाह दोहराये 
अपने चारों तरफ की यह दुनियाँ 
साँस का शोर भी ना सुन पाये, 
ना सुन पाये 

आईये बंद कर ले दरवाजे 
रात सपने चुरा ना ले जाये कोई 
झोंका हवा का आवारा दिल की 
बातों को उड़ा ना ले जाये , 
ना ले जाये 

आज इतने करीब आ जाओ 
दूरियों का कहीं निशान ना रहें 
ऐसे एक दूसरे में गुम हो जायें 
फासला कोई दरमियाँ ना रह जाये ,
ना रह जाये

और आहिस्ता कीजिये बातें
धड़कनें कोई सुन रहा होगा 

कुछ तुम सोचो, कुछ हम सोचें



Title: कुछ तुम सोचो कुछ हम सोचें - kuchh tum socho kuchh ham sochen
Album: Deewana
Music Director: Sajid-Wajid
Lyricist: Faaiz Anwar
Singer: Sonu Nigam



कुछ तुम सोचो, कुछ हम सोचें,
फिर ख़ुशी का मौसम आए 
तन्हा-तन्हा कौन जिया है
रहके तन्हा दिल घबराए 
आ जाओ मिलके रिश्ता ये जोड़ें, 
शर्तें बदल दें रस्मों को तोड़ें 
इससे पहले कि ये दुनिया हमें आज़माए 
कुछ तुम सोचो, कुछ हम सोचें...

आई हैं ख़ुशियों का पैग़ाम लेके बहारें 
ये पल है अपना, इस पल में आओ तक़दीर अपनी सँवारें
ख़ाली-ख़ाली इस जीवन में प्यार भर लें हम तुन दोनों 
दीवाने जो करते अक्सर वो ही कर लें हम तुम दोनों 
इन फ़ासलों को आओ मिटा दें, इक दूसरे में ख़ुद को छुपा दें 
इससे पहले कि ये दुनिया हमें आज़माए 
कुछ तुम सोचो ... 

दुनिया की रस्मों को चाहत में शामिल न करना 
मंज़िल हम अपनी पाके रहेंगे, हाँ तुम किसी से ना डरना
पागल रस्में, पागल दुनिया, और थोड़े हम तुम पागल 
क़िस्मत में हो ना जाने क्या, सोचते हैं बस ये हर पल 
अरमाँ है जिसका सपना वो बुन लें 
तुम हमको चुन लो, हम तुमको चुन लें 
इससे पहले कि ये दुनिया हमें आज़माए 
कुछ तुम सोचो, कुछ हम सोचें,
फिर ख़ुशी का मौसम आए 

इस कदर प्यार है तुमसे ऐ हमसफ़र

Title: इस कदर प्यार है तुमसे है हमसफ़र - Is kadar pyaar hai tumase hai hamasafar
Album :Deewana
Music Director: Sajid Wajid
Lyricist: Faiz Anwar
Singer: सोनु निगम-(Sonu Nigam)


इस कदर प्यार है तुमसे ऐ हमसफ़र
अब तो जीते हैं हम बस तुम्हें देखकर 
तुम्हारी हर अदा तुम्हारी हर नज़र 
ये क्या कहने लगी तुम्हें है क्या खबर 
इस कदर प्यार है ... 

दिल में हैं बेताबियां नींद उड़ने लगी 
तेरे ख्यालों से ही आँख जुड़ने लगी 
हर पल तुमको देखा मैने कहती है मेरी नज़र 
तुम्हारी हर अदा तुम्हारी हर नज़र 
ये क्या कहने लगी तुम्हें है क्या खबर 


साँसों में बसने लगी जबसे तू ओ जान-ए-जां 
अपना सा लगने लगा मुझको सारा जहां 
महका महका लगता मुझको खुशियों से दिल का नगर 
तुम्हारी हर अदा तुम्हारी हर नज़र 
ये क्या कहने लगी तुम्हें है क्या खबर 

इस कदर प्यार है तुमसे ऐ हमसफ़र
अब तो जीते हैं हम बस तुम्हें देखकर 
तुम्हारी हर अदा तुम्हारी हर नज़र 
ये क्या कहने लगी तुम्हें है क्या खबर 


Is kadar pyaar hai tumse ae hamsafar
Ab to jeete hain hum bas tumhen dekhkar 
Tumhari har adaa tumhari har nazar 
Ye kya kahne lagi tumhe hai kya khabar 

Dil mein hai betaabiyaan neend udne lagi 
Tere khyaalon se hi aankh judne lagi 
Har pal tujhko dekha maine kahti hai meri nazar 
Tumhari har adaa...

Saanson men basne lagi jabse tu o jaane-e-jaa
apna sa lagne laga mujhko saaraa jahaan 
mahka mahka lagta mujhko khushiyon se dil ka nagar 
Tumhari har adaa...

Is kadar pyaar hai tumse ae hamsafar
Ab to jeete hain ham bas tumhen dekhkar...

अब मुझे रात दिन तुम्हारा ही ख़्याल है

Title: अब मुझे रात दिन तुम्हारा ही ख़्याल है - Ab mujhe raat din tumharaa hi Khyaal hai
Album :  Deewana
Music Director: Sajid Wajid
Lyricist: Faiz Anwar
Singer: Sonu Nigam



अब मुझे रात दिन तुम्हारा ही ख़्याल है
क्या कहूं प्यार में दीवानों जैसा हाल है 
दीवानों जैसा हाल है तुम्हारा ही ख्याल है 

तुझको देखे बिना चैन मिलता नहीं 
दिल पे अब तो कोई ज़ोर चलता नहीं 
जादू है कैसा दिल की लगी में 
डूब गया हूँ इस बेखुदी में 
अब मुझे रात दिन तुम्हारा ही ख़्याल है

हर पल ढूंढें नज़र तुमको ही जान-ए-मन 
हद से बढ़ने लगा मेरा दीवानापन 
दिल में बसा लूं अपना बना लूं 
या फिर नज़र में तुमको छुपा लूं 
अब मुझे रात दिन तुम्हारा ही ख़्याल है
क्या कहूं प्यार में दीवानों जैसा हाल है 


Ab mujhe raat din Tumhara hi khyaal hai 
Kya kahoon pyaar men deewanon jaisa haal hai 
Deewano jaiaa haal hai, tumhara hi khyaal hai 

Tujhko dekhe bina chain milta nahi 
Dil pe ab to ko zor chalta nahi 
jaadoo hai kaisa dil ki lagi mein
doob gaya hun is bekhudi mein 

Har pal dhoonde nazar tumko hi jaaneman
Had se badhne laga mera deewanapan
Dil mein basa lun apna bana lun
Ya fir nazar mein tumko chhupa lun 

Ab mujhe raat din Tumhara hi khyaal hai 
Kya kahoon pyaar men deewanon jaisa haal hai 

कोई जो मिला तो मुझे ऐसा लगता था


Title : कोई जो मिला - Koi jo mila
Album : Breathless
Lyrics : Javed Akhtar 
Singer : Shankar Mahadevan


कोई जो मिला तो मुझे ऐसा लगता था
जैसे मेरी सारी दुनिया मैं गीतों की रुत
और रंगों की बरखा है
खुशबु की आंधी है
महकी हुई सी अब सारी फिजायें हैं
बहकी हुई सी अब सारी हवाएं हैं
खोयी हुई सी अब सारी दिशाएँ हैं
बदली हुई सी अब सारी अदाएं हैं
जागी उमंगें हैं
धड़क रहा है दिल
साँसों में तूफ़ान हैं, होठों पे नगमे हैं
आखों में सपने हैं,
सपनों में बीते हुए सारे वो सारे लम्हे हैं

जब कोई आया था, नज़रों पे छाया था
दिल मैं समाया था, कैसे मैं बताऊँ तुम्हें
कैसा उसे पाया था,
प्यारे से चेहरे पे बिखरी जो जुल्फें तो ऐसा लगता था
जैसे कोहरे के पीछे इक ओस मैं धुला हुआ फूल खिला है
जैसे बादल में एक चाँद छुपा है और झाँक रहा है
जैसे रात के परदे में एक सवेरा है रोशन रोशन
आखों में सपनों का सागर
जिसमें प्रेम सितारों की चादर जैसे झलक रही है
लहरों लहरों बात करे तो जैसे मोती बरसे
जैसे कहीं चांदी की पायल गूंजे
जैसे कहीं शीशे के जाम गिरे और छन से टूटे
जैसे कोई छिप के सितार बजाये
जैसे कोई चांदनी रात में गाए
जैसे कोई हौले से पास बुलाये

कैसी मीठी बातें थी वो
कैसी मुलाकातें थी वो
जब मैंने जाना था
नज़रों से कैसे पिघलते हैं दिल
और
आरजू पाती है कैसे मंजिल
और
कैसे उतरता है चाँद जमीन पर
कैसे कभी लगता है स्वर्ग अगर है
तो बस है यहीं पर

उसने बताया मुझे, और समझाया मुझे
हम जो मिले हैं, हमें ऐसे ही मिलना था
गुल जो खिले हैं, उन्हें ऐसे ही खिलना था
जन्मों के बंधन, जन्मों के रिश्ते हैं
जब भी हम जन्मे तो हम यूँ ही मिलते हैं
कानों में मेरे जैसे, शहद से घुलने लगे
ख़्वाबों के दर जैसे आखों मैं खुलने लगे
ख़्वाबों की दुनिया भी कितनी हसीं
और
कैसी रंगीन थी ख़्वाबों की दुनिया
जो कहने को थी पर कहीं भी नहीं थी
ख्वाब जो टूटे मेरे, आँख जो खुली मेरी
होश जो आया मुझे
मैंने देखा मैंने जाना
वो जो कभी आया था, नज़रों पे छाया था
दिल मैं समाया था, जा भी चूका है
और दिल मेरा अब तनहा तनहा
न तो कोई अरमान है, न कोई तमन्ना है
और न कोई सपना है
अब जो मेरे दिन और अब जो मेरी रातें हैं
उनमें सिर्फ आँसू हैं
उनमें सिफ दर्द की रंज की बातें हैं
और फरियादें हैं
मेरा अब कोई नहीं
मैं हूँ और खोये हुए प्यार की यादें हैं
मैं हूँ और खोये हुए प्यार की यादें हैं
मैं हूँ और खोये हुए प्यार की यादें हैं

कृष्णा

Title - कृष्णा - Krishna 
Album : Colonial cousins
Music By : Leslie Lewis
Singers : Hariharan, Leslie lewis


हरि ॐ शांता शारं भृजग शयनं पद्मनाभं सुरेखं दिक्पालादं गगन सद्रुशं...
कृष्णा नी बेगने, बरो

Darkness coming round, and everybody's fighting with their brother
Everybody wants control don't hesitate to kill one another
So come back as Jesus, come back and save the world
Bless all the future, of every boy and girl
Come back as Rama, forgive us for what we've done,
Come back as Allah, come back as anyone
कृष्णा नी बेगने...

Religion is the reason, the world is breaking up into pieces
Colour of the people, keeps us locked in hate please release us
So come down and help us, save all the little ones
They need a teacher, and you are the only one
We can rely on, to build a better world
A world that's for children, a world that's for everyone
कृष्णा नी बेगने...

Time is a healer, time moves on, time don't wait for anyone
They tell me you'll be back, but that will take some time
I'm waiting...Yeah Yeah
Come back as Jesus, come back and save the world
We need a teacher, you are the only one
Come back as Rama, forgive us for what we’ve done
Come back as Allah, come back as anyone
कृष्णा नी बेगने...

Jesus, come back and save the world
Bless all the future, of every boy and girl
Come back as Rama, forgive us for what we’ve done
Come back as Allah, come back for everyone
गोविंद बोलो हरी गोपाल बोलो...

मुझसे बिछड़ के खुश रहते हो


Title: मुझसे बिछड़ के ख़ुश रहते हो - Mujhse bichhad ke Kush rahate ho
Album : Saher
Music Director: Jagjit Singh
Lyricist: Bashir Badr
Singer: Jagjit Singh


मुझसे बिछड़ के खुश रहते हो 
मेरी तरह तुम भी झूठे हो 

इक टहनी पे चाँद टिका था 
मैं ये समझा तुम बैठे हो 
मुझसे बिछड़ के खुश रहते हो 
मेरी तरह तुम भी झूठे हो 

उजले उजले फूल खिले हैं 
बिल्कुल जैसे तुम हँसते हो 
मुझसे बिछड़ के खुश रहते हो...

मुझको शाम बता देती है 
तुम कैसे कपड़े पहने हो 
मुझसे बिछड़ के ... 

तुम तन्हा दुनिया से लड़ोगे 
बच्चों सी बातें करते हो 
मुझसे बिछड़ के खुश रहते हों 
मेरी तरह तुम भी झूठे हो 


Mujhse bichhad ke khush rahte ho 
Meri tarah tum bhi jhuthe ho
 
Ik tahni par chaand khila tha
Main ye samjha tum baithe ho
Mujhse bichhad kar...

Ujle ujle phool khile hain
Bilkul jaise tum hanste ho 
Mujhse bichhad ke khush rahte ho..

Mujhko shaam bata deti hai 
Tum kaise kapde pahne ho 
Mujhse bichhad ke....

Tum tanhaa duniyaa se ladoge
bachcho see baaten karte ho

Mujhse bichhad ke khush rahte ho 
Meri tarah tum bhi jhuthe ho 

वो बन संवर के चले हैं घर से


Title: वो बन संवर के चले हैं घर से - Wo ban sa.nvar ke chale hai.n ghar se
Album : Muskaan
Music Director: Pankaj Udhaas
Lyricist: Zafar Gorakhpuri
Singer: Pankaj Udhaas

वो बन संवर के चले हैं घर से
हैं खोए खोए से बेख़बर से 
दुपट्टा ढलका हुआ है सर से 
ख़ुदा बचाए बुरी नज़र से 

कभी जवानी की बेखुदी में 
जो घर से बाहर कदम निकालो 
सुनहरे गालों पे मेरी मानो 
तुम एक काला सा तिल सजा लो 
बदन का सोना चुरा ले सारा 
कोई नज़र उठ के कब किधर से 
ख़ुदा बचाए बुरी नज़र से 

ये नर्म-ओ-नाज़ुक हसीन से लब 
के जैसे दो फूल हों कंवल के 
ये गोरे मुखड़े पे लाल रंगत 
के जैसे होली का रंग छलके 
सम्भालो इन लम्बी चोटियों को 
लिपट न जाएँ कहीं कमर से 
ख़ुदा बचाए बुरी नज़र से 

ये शहर पत्थरों का शहर ठहरा 
कहाँ मिलेगी यहाँ मोहब्बत 
ये शीशे जैसा बदन तुम्हारा 
मेरी दुआ है रहे सलामत 
तुम्हारे सपनों की नन्हीं कलियाँ 
बची रहें धूप के असर से
ख़ुदा बचाए बुरी नज़र से 




Wo ban sanwar ke chale hain ghar se 
hain khoye khoye se bekhar se
dupatta dhalka hua hai sar se  
khuda bachaaye buri nazar se  

kabhi jawaani ki bekhudi mein 
jo ghar se baahar kadam nikaalo 
gore mukhre pe meri maano 
tum ek kaala sa til saza lo 
khuda bachaaye buri nazar se   

ye narm-o-nazuk haseen se lab 
ke jaise do phool ho kanwal ke 
ye gore mukhde pe laal rangat 
ke jaise holi ka rang chhalke 
sambhaalo in lambi chotiyon ko 
lipat na jaaye kahin kamar se 
khuda bachaye buri nazar se 

ye shahar patthar ka shaahr thahra
kahan milegi yahan mohabbat
ye sheeshe jaisa badan tumhara 
meri dua hai rahe salaamat 
tumhare sapnon ki nanhi kaliyaan 
bachi rahe dhoop ke asar se 
khudaa bachaaye buri nazar se 

महफ़िल की शुरुआत

महफ़िल गीत गजलों और कविताओं का कोना है , जहाँ आपको नए गानों के साथ पुराने नगमें, ग़ालिब और मीर की गज़लें भी सुनने और पढने को मिलेंगे. हम नए नए प्रयोग करते आयेंगे और इस आशा में कि आपको हमारा काम पसंद आएगा, हम हमेशा नए कंटेंट यहाँ अपडेट करते आयेंगे.

महफ़िल हम दोनों भाई बहनों का एक मिला जुला प्रयास है. मैं अभिषेक और मेरी बहन प्रियंका का एक छोटा सा सपना है कि कोई ऐसी जगह हो जहाँ हम अपने मनपसंद गाने, कवितायेँ, ग़ज़लें और इस तरह की बाकी चीज़ों को सहेज कर रख सके. ये वेबसाइट बस इसी वजह से है. 

हम दुसरे से अलग होने का दावा नहीं करते, बाकी वेबसाइट भी हैं जहाँ इस तरह की सामग्री आपको पढ़ने सुनने को मिल जायेंगी, और शायद वो हमसे बेहतर भी हैं, हमसे बड़े वेबसाइट भी हैं, लेकिन हम सब बड़े नामों के बीच ही अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने की कोशिश में लगे रहेंगे. 

महफ़िल में आपका भी स्वागत है, हर उस इंसान का स्वागत है इस साईट में जिसे गानों, गीत, ग़ज़ल और कविताओं से प्यार है. आप अगर हमारे साथ हमारे इस सफ़र में जुड़ना चाहते हैं तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं. हमसे संपर्क करने के लिए आप हमारे ईमेल पर मेल कर सकते हैं - 

priyanka.gupta.knpr@gmail.com
cseabhi@gmail.com

आप हमसे ट्विटर के माध्यम से भी जुड़ सकते हैं. हमारा ट्विटर हैंडल है जहाँ आपको हर दिन कुछ नयी शायरी पढ़ने को मिलेगी. हमारा ट्विटर का पता है -
Twitter - http://www.twitter.com/aapkimahfil

  




कुछ शेर : २



दियो का कद घटाने के लिए रातें बड़ी करना ,
बड़े शेहरो में रहना हो तो बातें बड़ी करना

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

मोहब्बत में बिछड़ने का हुनर सबको नहीं आता ,
किसी को छोड़ना हो तो फिर मुलाकातें बड़ी करना

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

निगाहों में कोई भी दूसरा चेहरा नहीं आया
भरोसा ही कुछ ऐसा था तुम्हारे लौट आने का

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

मुसीबतों से उभरती है शक्सियत यारो
जो पत्थरों से न उलझे वो आइना क्या है

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

वसीम देखना मुड मुड के वो उसी की तरफ
किसी को छोड़ के जाना भी तो नहीं आया

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

ऐसे रिश्ते का भरम रखना कोई खेल नहीं,
तेरा होना भी नहीं और तेरा कहलाना भी.

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

बुझते हैं तो बुझ जाए कोई गम नहीं करते
हम अपने चारागो की लौ को कम नहीं करते

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

घर से निकला हूं कि दिन जीत के अब लौटूँगा
रात आती तो यही ख्वाब दिखाई देता

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

मैं उसका हो नहीं सकता बता न देना उसे
लकीरें हाथ की अपने वह सब जला लेगा

- वसीम बरेलवी


तुम आये हो ना शब-ए-इंतज़ार गुजरी है 
तलाश में है सेहर बार बार गुजरी है

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

वो बात सारे फ़साने में जिसका ज़िक्र न था
वो बात उनको बहुत नागवार गुजरी है

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

कोई तो बात है उस में
हर ख़ुशी जिस पे लुटा दी हमने

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

दिल नाउमीद तो नहीं नाकाम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

कर रहा था गम-ए-जहां का हिसाब
आज तुम याद बेहिसाब आये

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

- फैज़ अहमद फैज़ 



गम ने तेरे निचोड़ लिया कतरा कतरा खून
थोड़ा सा दर्द दिल में खटकने को रह गया

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

लुत्फ़ इश्क़ में पाए हैं कि जी जानता है
रंज भी इतने उठाए हैं कि जी जानता है

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

निगाह-ए-यार ने की ख़ाना ख़राबी ऐसी
न ठिकाना है जिगर का, न ठिकाना दिल का

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

निगाह-ए-यार ने की ख़ाना ख़राबी ऐसी
न ठिकाना है जिगर का, न ठिकाना दिल का

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

निगाह-ए-यार ने की ख़ाना ख़राबी ऐसी
न ठिकाना है जिगर का, न ठिकाना दिल का

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

दिल दे तो इस मिजाज़ का परवरदिगार दे
जो रंज की घड़ी को खुशी में गुज़ार दे


- दाग 

तुमको देखा तो ये ख्याल आया


Title : तुमको देखा तो ये ख्याल आया - Tumko dekha to ye khyal 
Movie : Saath Saath 
Lyricist : Javed Akhtar, 
Singer : Jagjit Singh, 
Music Director : Kuldeep Singh


तुमको देखा तो ये खयाल आया
जिंदगी धूप, तुम घना साया 

आज फिर दिल ने एक तमन्ना की 
आज फिर दिल को हम ने समझाया 

तुम चले जाओगे तो सोचेंगे 
हमने क्या खोया हमने क्या पाया 

हम जिसे गुनगुना नहीं सकते 
वक़्त ने ऐसा गीत क्यों गाया


Tumko dekha to ye khyal aaya 
Zindagi dhoop tum ghana saaya 

Aaj fir dil ne ek tamanna ki 
Aaj fir dil ko humne samjhaya 

Tum chale jaaoge to sochenge 
Humne kya khoya Humne kya paaya 

Hum jisey gunguna nahi sakte 
Waqt ne aisa geet kyu gaaya

कुछ शेर १


कहाँ से आ गयी दुनिया कहाँ, मगर देखो,
कहाँ-कहाँ से अभी कारवाँ गुज़रता है

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

हमसे क्या हो सका मुहब्बत में,
खैर तुमने तो बेवफ़ाई की

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

अब दौरे-आस्माँ है न दौरे –हयात है,
ऐ दर्दे-हिज्र तू ही बता कितनी रात है

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

छिड़ते ही ग़ज़ल बढ़ते चले रात के साये,
आवाज़ मेरी गेसू-ए-शब खोल रही है

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

किसको रोता है उम्रभर कोई,
आदमी जल्द भूल जाता है

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

जिनकी तामीर इश्क़ करता है,
कौन रहता है उन मकानों में

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

इस दश्ते-बेकसी में 
सरे-शाम तुम कहाँ


●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

अब कर के फरामोश तो नाशाद करोगे
पर हम जो न होंगे तो बहुत याद करोगे

- फिराक गोरखपुरी 


बेखुदी ले गई कहाँ हम को
देर से इन्तिज़ार है अपना

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

देख तो दिल कि जाँ से उठता है
ये धुंआ कहाँ से उठता है

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

हम हुए तुम हुए कि मीर हुए
उस की जुल्फों के सब आसीर हुए

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

जब कि पहलू से यार उठता है
दर्द बे-ईख्तियार उठता है

- मीर


ज़िंदगी पर इससे बढ़कर तंज़ क्या होगा 'फ़राज़'
उसका ये कहना कि तू शायर है दीवाना नहीं

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

कितना आसाँ था तेरे हिज्र में मरना जानाँ
फिर भी इक उम्र लगी, जान से जाते जाते

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

रातें हैं उदास, दिन कड़े हैं
ऐ दिल! तेरे हौंसले बड़े हैं

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

अभी तलक तो कुन्दन हुए, न राख हुए
हम अपनी आग में हर रोज़ जल के देखते हैं

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

आँखों में छुपाये अश्कों को होंठों में वफ़ा के बोल लिये
इस जश्न में भी शामिल हूँ नौहों से भरा कश्कोल लिये

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

दिल के रिश्तों कि नज़ाक़त वो क्या जाने 'फ़राज़'
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती हैं चोटें अक्सर

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

चढते सूरज के पूजारी तो लाखों हैं 'फ़राज़',
डूबते वक़्त हमने सूरज को भी तन्हा देखा

●◦●…∞◊ᴥ ᴥ◊∞…●◦●

उस शख़्स को बिछड़ने का सलीका भी नहीं,
जाते हुए खुद को मेरे पास छोड़ गया 

- अहमद फ़राज़ 

ये दिल सुन रहा है, तेरे दिल की जुबान


Title : ये दिन सुन रहा है - Ye dil sun raha hai
Movie : Khamoshi,
Music : Jatin lalit
Lyricist : Majrooh Sultanpuri
Singer : Kavitha Krishnamurthi 


ये दिल सुन रहा है, तेरे दिल की जुबान
ऐ मेरे हमनशी, मैं वहा, तू जहाँ 

मेरी सदा में बोले तू, ये कोई क्या जाने 
गीत में है, साज में है, तू ही तू, 
नगमा कहाँ 

दर्द-ए-मोहोब्बत के सिवा, 
मैं भी क्या, तू भी क्या 
ये जमीन हम, आसमान हम, 
अब हमे जाना कहाँ


Ye dil sun raha hai, tere dil ki zubaan
Ae mere hamnasheen, main wahan, tu jahaan

Meri sadaa mein bole tu,ye koi kya jaane
geet mein hai, saaz mein hai, tu hi tu 
nagma kahan

Dard-e-mohbbat ke siwa
Main bhi kya, tu bhi kya?
ye zameen hum, aasmaa hum
ab humen jaana kahan?

बाहों के दरमियाँ, दो प्यार मिल रहे है

Title - बाहों के दरमियाँ, दो प्यार मिल रहे है - Baahon ke darmiyaan
Movie - Khamoshi
Lyricist : Majrooh Sultanpuri, 
Singer : Alka Yagnik, Hariharan, 
Music Director : Jatin - Lalit,

बाहों के दरमियाँ, दो प्यार मिल रहे है
जाने क्या बोले मन, डोले सुन के बदन, 
धड़कन बनी जुबाँ 

खुलते बंद होते, लबो की ये अनकही 
मुझ से कह रही हैं के बढ़ने दे बेखुदी 
मिल यूँ के दौड़ जाए, नस नस में बिजलियाँ 
बाहों के दरमियाँ, दो प्यार मिल रहे है 

आसमान को भी ये, हँसी राज हैं पसंद 
उलझी उलझी साँसों की, आवाज हैं पसंद 
मोती लूटा रही है, सावन की बदलियाँ 

बाहों के दरमियाँ, दो प्यार मिल रहे है
जाने क्या बोले मन, डोले सुन के बदन, 
धड़कन बनी जुबाँ 


Baahon ke darmiyaan, do pyaar mil rahe hain
Jaane kya bole man, Dole sun ke badan
Dhadkan bani zubaan

Khulte band hote, Labo ki ye ankahee
Mujhse kah rahi hai, ke badhne de bekhudi 
Mil jul ke daud jaayen, nas nas mein bijliyaan 
Baahon ke darmiyaan, do pyaar mil rahe hain...

Aasman ko bhi ye hanseen raaz hai pasand
Uljhi Uljhi saanson ki aawaz hai pasand 
Moti luta rahi hain, saawan ki badliyaan 


राजा को रानी से प्यार हो गया


Title: राजा को रानी से प्यार हो गया - Raja ko rani se pyaar ho gaya
Film: Akele Hum Akele Tum
Music Director: Annu Malik
Lyricist: Majrooh
Singer: Udit Narayan,Alka Yagnik

राजा को रानी से प्यार हो गया 
पहली नज़र में पहला प्यार हो गया 
दिल जिगर दोनों घायल हुए 
तीर-ए-नज़र दिल के पार हो गया 
राजा को रानी से ... 

राहों से राहें बाहों से बाहें 
मिलके भी मिलती नहीं 
होता है अक्सर अरमां की कलियां 
खिल के भी खिलती नहीं 
फिर भी न जाने क्यूं नहीं माने 
दीवाना दिल बेकरार हो गया 
राजा को रानी से ... 

रानी को देखो नज़रें मिलीं तो 
आँखें चुराने लगी 
करती भी क्या वो सर को झुका के 
कंगना घुमाने लगी 
राजा ने ऐसा जादू चलाया 
न करते करते इकरार हो गया 
राजा को रानी से ... 


Raaja Ko raani se pyaar ho gaya 
Pahli nazar mein pahla pyaar ho gaya
Dil-Jigar dono ghayal hue
Teer-e-nazar dil ke paar ho gaya 

Raahon se raahen baahon se baahen 
Mil ke bhi milti nahi
Hota hai aksar armaa ki kaliyaan 
Khil ke bhi khilti nahi
Fir bhi na jaane kyu nahi maane
Deewana dil beqarar ho gaya 

Raani ko dekho nazren mili to
aankhen churaane lagi
Karti bhi kya wo sar ko jhukaa ke
kangna ghumaane lagi 
Raaja ne aisa jadoo chalaya 
na karte karte ikraar ho gaya

Raaja ko raani se pyaar ho gaya...
Pahli nazar mein pahla pyaar ho gaya 

मदहोश दिल की धड़कन


Title : मदहोश दिल की धड़कन - Madhosh dil ki dhadkan
Movie : Jab pyaar kisi se hota hai
Lyricist : Anand Bakshi 
Singer : Lata Mangeshkar, Kumar Sanu 
Music Director : Jatin -Lalit


मदहोश दिल की धड़कन 
चुप सी यह तनहाई 
छूप गया चाँद क्यों क्या तेरी ज़ुल्फ़ लहराई 

मदहोश दिल की धड़कन 
चुप सी यह तनहाई 
फिर तेरी याद ने 
दिल में ली यार अंगड़ाई 

ये रतजगे 
लंबी रातों के दिल ना लगे, क्या करू 
ये सिलसिले 
दिल की बातों के जादू चले, क्या करू 

बिखरा ज़ुल्फ़ें, सो जाऊं 
दिल चाहे कहीं खो जाऊं 

मदहोश दिल की धड़कन 
चुप सी यह तनहाई 
यह तेरी आशिक़ी कर ना दे मेरी रुसवाई

कहना था जो होठों से मैने 
आँखों से वो कह लिया 
दिल में तेरे रहना हैं मुझको 
इस दुनियाँ में रह लिया 

लग जा तू इस दिल से
के मिलते हैं दिल मुश्किल से 
मदहोश दिल की धड़कन 
चुप सी यह तनहाई 
दिल लिया, जान भी 
लेगा ये प्यार हरजाई 

मदहोश दिल की धड़कन
चुप सी यह तनहाई 
छूप गया चाँद क्यों क्या तेरी ज़ुल्फ़ लहराई 


Madhosh dil ki dhadkan
Chup si ye tanhai, 
Chhup gaya chand kyun 
Kya teri julf laharyaee 

Madhosh dil ki dhadkan 
Chup si ye tanhai, 
Phir teri yaad ne 
dil mein li yaar angadai 

Ye ratjage 
lambi raton ke dil na lage 
kya karun, 
Ye silsile 
dil ki baton ke Jadoo chale 
kya karun 

Bikhra zulfen so jaaun, 
Dil chahe kahin kho jaaun 

Madhosh dil ki dhadkan 
Chup si ye tanhai, 
Ye teri ashiqui 
Kar na de meri rusvayee 

Kahna tha jo hoton se maine, 
Ankhon se wo kah liya 
Dil mein tere rahna hai mujhko, 
Is duniya mein rah liya
Aa lag ja tu is dil se, 
Ke milte hai dil mushkil se 
Madhosh dil ki dhadkan 
Chup si ye tanhai

Madhosh dil ki dhadkan 
Chup si ye tanhai, 
Dil liya, jaan bhi 
Lega ye pyar harjayee 

Madhosh dil ki dhadkan 
Chup si ye tanhai 
Chhup gaya chand kyun 
Kya teri zulf laharyaee 

मुस्कुराने की वजह तुम हो

Title : मुस्कुराने की वजह - Muskuraane ki wajah 
Film - CityLights 
Lyrics - Rashmi Singh
Music - Jeet Gannguli
Singer - Arijit Singh


मुस्कुराने की वजह तुम हो
गुनगुनाने की वजह तुम हो
जिया जाये ना, जाये ना, जाये ना
ओ रे पिया रे.

ओ रे लम्हे तू कहीं मत जा 
हो सके तो उम्र भर थम जा
जिया जाये ना, जाये ना, जाये ना
ओ रे पिया रे...

धूप आये तो, छाँव तुम लाना
ख्वाहिशों की बारिशों में, भीग संग जाना
जिया जाये ना, जाये ना, जाये ना
ओ रे पिया रे...

जो मिले उसमे काट लेंगे हम
थोड़ी खुशियाँ, थोड़े आंसू, बांट लेंगे हम
जिया जाये ना, जाये ना, जाये ना
ओ रे पिया रे...
मुस्कुराने की वजह...



Muskurane ki wajah tum ho
Gungunane ki wajah tum ho
Jiya jaaye na, jaaye na, jaaye na..
O re piya re..

O re lamhe tu kahin mat jaa
Ho sake toh umr bhar tham jaa
Jiya jaaye na, jaaye na, jaaye naa..
O re piya re..

Dhoop aaye toh, chhaanv tum laana
Khwahishon ki baarishon mein
Bheeg sang jaana
Jiya jaaye na jaaye na jaaye na
O re piya re..

Jo mile usme kaat lenge hum
Thodi khushiyaan thode aansu baant lenge hum
Jiya jaaye na jaaye na jaaye na
O re piya re..

Muskurane ki wajah tum ho
Gungunane ki wajah tum ho
Jiya jaaye na, jaaye na, jaaye na
O re piya re..

यारम

Title - यारम - Yaaram
Film - Ek thi daayan 
Lyrics - Gulzar
Music - Vishal Bhardwaj
Singer - Sunidhi Chauhan and Clinton Cerejo


हम चीज़ हैं बड़े काम की, यारम
हमें काम पे रख लो कभी, यारम
हम चीज़ हैं बड़े काम की, यारम

हो सूरज से पहले जगायेंगे
और अखबार की सब सुर्खियाँ हम
गुनगुनाएँगे
पेश करेंगे गरम चाय फिर
कोई खबर आई न पसंद तो एंड बदल देंगे

हो मुंह खुली जम्हाई पर
हम बजाएं चुटकियाँ
धूप न तुमको लगे
खोल देंगे छतरियां
पीछे पीछे दिन भर
घर दफ्तर में लेके चलेंगे हम

तुम्हारी फाइलें, तुम्हारी डायरी
गाडी की चाबियां, तुम्हारी ऐनकें
तुम्हारा लैपटॉप, तुम्हारी कैप
और अपना दिल, कुंवारा दिल
प्यार में हारा, बेचारा दिल
और अपना दिल, कुंवारा दिल
प्यार में हारा, बेचारा दिल

यह कहने में कुछ रिस्क है, यारम
नाराज़ न हो, इश्क है, यारम

हो रात सवेरे, शाम या दोपहरी
बंद आँखों में लेके तुम्हें ऊंघा करेंगे हम
तकिये चादर महके रहते हैं
जो तुम गए
तुम्हारी खुशबू सूंघा करेंगे हम
ज़ुल्फ़ में फँसी हुई खोल देंगे बालियाँ
कान खिंच जाए अगर
खा लें मीठी गालियाँ
चुनते चलें पैरों के निशाँ
कि उन पर और न पाँव पड़ें

तुम्हारी धडकनें, तुम्हारा दिल सुनें
तुम्हारी सांस सुनें, लगी कंपकंपी
न गजरे बुनें, जूही मोगरा तो कभी दिल
हमारा दिल, प्यार में हारा, बेचारा दिल
हमारा दिल, हमारा दिल
प्यारा में हारा, बेचारा दिल






Hum cheez hain bade kaam ki, Yaaram
Humein kaam pe rakh lo kabhi, Yaaram
Hum cheez hain bade kaam ki, Yaaram

Ho suraj se pehle jagayenge
Aur akhbaar ki sab surkhiyaan hum gungunayenge
Pesh karenge garm chai phir
Koi khabar aayi na pasand toh, end badal denge

Ho munh khuli jamhaai pe
Hum bajaayein chutkiyaan
Dhoop na tum ko lage
Khol denge chhatariyaan
Peechhe peechhe din bhar
Ghar daftar mein le ke chalenge hum

Tumhaari filein, tumhaari diary
Gaadi ki chaabiyan, tumhaari enakein
Tumhaara laptop, tumhaari cap, phone
Aur apna dil, kanwaara dil...
Pyaar mein haara bechara dil
Aur apna dil, kanwara dil
Pyaar mein haara, bechara dil...

Yeh kehne mein kuch risk hai, Yaaram
Naaraz naa ho, ishq hai. Yaaram

Ho raat savere, shaam ya dopahari
Band aankhon me le ke tumhe aungha karenge hum
Takiye chaadar mehake rehte hain
Jo tum gaye
Tumhari khushboo soongha karenge hum
Zulf mein phansi hui khol denge baaliyaan
Kaan kheench jaaye agar
Kha lein meethi gaaliyaan
Chunte chale pairon ke nishaan
Ki un par aur na paanv pade

Tumhari dhadkanein, tumhari dil sune
Tumhari saans sune, lagi kampkapi
Naa gajre bune, juhi mogra toh kabhi dil
Humaara dil, pyar mein haara bechara dil
Humara dil, humara dil
Pyaar mein haara
Bechara dil...

तुझे सोचता हूँ मैं शाम-ओ-सुबह


Title : तुझे सोचता हूँ - Tujhe Sochta hun
Film : Jannat 2
Music : Preetam Chakarwarty
Singers : K K
Lyricist : Saeed Qadri


तुझे सोचता हूँ मैं शाम-ओ-सुबह
इससे ज्यादा तुझे और चाहूं तो क्या 
तेरे ही ख्यालों में डूबा रहा 
इससे ज्यादा तुझे और चाहूं तो क्या 

बस सारे गम में जाना संग हूँ तेरे 
हर इक मौसम में जाना संग हूँ तेरे 
अब इतने इन्तिहाँ भी ना ले मेरे

मेरी धडकनों में ही तेरी सदा 
इस कदर तू मेरी रूह में बस गया 
तेरी यादों से कब रहा मैं जुदा 
वक़्त से पूछ ले वक़्त मेरा गवाह 

बस सारे गम में जाना संग हूँ तेरे 
हर इक मौसम में जाना संग हूँ तेरे 
अब इतने इन्तिहाँ भी ना ले मेरे

तू मेरा ठिकाना मेरा आशियाना 
ढले शाम जब भी मेरे पास आना  
है बाहों में रहना कहीं अब ना जाना 
हूँ महफूज़ इनमे बुरा है ज़माना 

बस सारे गम में जाना संग हूँ तेरे 
हर इक मौसम में जाना संग हूँ तेरे 
अब इतने इन्तिहाँ भी ना ले मेरे


Tujhe Sochta Hoon main shaam-o-subah
Issey zyada tujhe aur chahoon to kya
Tere hi khayalon mein dooba raha
Issey zyada tujhe aur chahoon to kya

Bas saare gam mein jaana, sang hoon tere
Har ek mausam me jaana, sang hoon tere
Ab itne imtihaan bhi naa le mere...

Meri dhadkano mein hi teri sada
Iss qadar tu meri rooh mein bas gaya
Teri yaadon se kab raha main juda
Waqt se pooch le, waqt mera gawaah
Bas sare gam mein jaana, sang hoon tere
Har ek mausam me jaana, sang hoon tere
Ab itne imtehaa bhi naa le mere

Tu mera thikana, mera aashiyana
Dhale shaam jab bhi, mere paas aana
Hai baahon mein rehna, Kahin ab naa jana
Hoon mehfooz inme, bura hai zamana

Bas sare gam mein jaana, sang hoon tere
Har ek mausam me jaana, sang hoon tere
Ab itne imtehaa bhi naa le mere

किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार

Title: किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार - Kisi ki muskuraahton pe ho nisaar
Film: Anaadi
Music Director: Shankar-Jaikishan
Lyricist: Shailendra
Singer: Mukesh



किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार
किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार 
किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार 
जीना इसी का नाम है 

किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार..

माना अपनी जेब से फ़कीर हैं 
फिर भी यारों दिल के हम अमीर हैं
मिटे जो प्यार के लिये वो ज़िन्दगी 
जले बहार के लिये वो ज़िन्दगी 
किसी को हो न हो हमें तो ऐतबार 
जीना इसी का नाम है 

रिश्ता दिल से दिल के ऐतबार का 
ज़िन्दा है हमीं से नाम प्यार का
के मर के भी किसी को याद आयेंगे 
किसी के आँसुओं में मुस्कुरायेंगे 
कहेगा फूल हर कली से बार बार 
जीना इसी का नाम है

किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार
किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार 
किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार 
जीना इसी का नाम है 


Kisi ki muskuraahaton pe ho nisaar
Kisi ka dard mil sake to le udhaar
Kisi ke vaaste ho tere dil mein pyaar
Jeena isi ka naa hai 

Maana apni jeb se fakeer hain
Fir bhi yaaron dil ke hum ameer hain
Mite jo pyaar ke liye wo zindagi
Jale bahaar ke liye wo zindagi 
Kisi ko ho na ho humen to hai eitbaar
Jeena isi ka naam hai 

Rishta dil se dil ke eitbaar ka
Zinda hai humi se naam pyaar ka 
Ke mar ke bhi kisi ko yaad aayenge
Kisi ki aansoon mein muskuraayenge
Kahega phool har kali se baar baar 
Jeena isi ka naam hai..

तुम आ गए हो, नूर आ गया है

Title : तुम आ गए हो- Tum aa gaye ho 
Film : Aandhi
Music Director: R D Burman
Lyricist: Gulzar
Singer: Kishore Kumar, Lata Mangeshkar


तुम आ गए हो, नूर आ गया है 
नहीं तो चरागों से लौ जा रही थी 
जीने की तुम से, वजह मिल गयी है 
बड़ी बेवजह जिन्दगी जा रही थी 

 कहा से चले, कहा के लिए 
ये खबर नहीं थी मगर 
कोई भी सिरा, जहा जा मिला 
वही तुम मिलोगे 
के हम तक तुम्हारी दुआं आ रही थी 

 दिन डूबा नहीं ,रात डूबी नहीं 
जाने कैसा हैं सफ़र 
ख़्वाबों के दिए, आँखों में लिए 
वही आ रहे थे 
जहा से तुम्हारी सदा आ रही थी

इस मोड़ से जाते हैं


Title: इस मोड़ से जाते हैं - Is mod se jaate hain
Film: Aandhi
Music Director: R D Burman
Lyricist: Gulzar
Singer: Lata Mangeshkar, kishore Kumar



इस मोड़ से जाते हैं
कुछ सुस्त कदम रस्ते, कुछ तेज कदम राहें 

पत्थर की हवेली को, शीशे के घरोंदो में 
तिनकों के नशेमन तक, इस मोड़ से जाते हैं 

आंधी की तरह उड़कर, एक राह गुजरती है 
शरमाती हुयी कोई, क़दमों से उतरती है 
इन रेशमी राहो में, एक राह तो वो होगी 
तुम तक जो पहुचती है, इस मोड़ से जाती है 

एक दूर से आती है, पास आ के पलटती है 
एक राह अकेली सी, रुकती है ना चलती है 
ये सोच के बैठी हूँ, एक राह तो वो होगी 
तुम तक जो पहुचती है, इस मोड़ से जाती है

इस मोड़ से जाते हैं
कुछ सुस्त कदम रस्ते, कुछ तेज कदम राहें 



Is mod se jaate hain
Kuch sust kadam raste, Kuch tez kadam raahen

Patthar ki haveli ko, Sheeshon ke gharaunde mein
Tinko ke nasheman tak, Is mod se jaate hain

Aandhi ki tarah udkar, Ek raah guzarti hai 
Sharmaarti hui koi, Kadmon se utarti hai 
In reshmi raahon mein, Ek raah to wo hogi 
Tum tak jo pahunchti hai, Is mod se jaati hai 

Ek door se aati hai, Paas aakar palatti hai
Ek raah akeli si, rukti hai na chalti hai
Ye soch ke baithi hun, Ek raah to wo hogi 
Tum tak jo pahunchti hai, Is mod se jaatee hai 

Is mod se jaate hain
Kuch sust kadam raste, Kuch tez kadam raahen

याद किसी की चाँदनी बन कर कोठे कोठे उतरी है

याद किसी की चाँदनी बन कर कोठे कोठे उतरी है
याद किसी की धूप हुई है ज़ीना ज़ीना उतरी है

रात की रानी सहन-ए-चमन में गेसू खोले सोती है
रात-बेरात उधर मत जाना इक नागिन भी रहती है

तुम को क्या तुम ग़ज़लें कह कर अपनी आग बुझा लोगे
उस के जी से पूछो जो पत्थर की तरह चुप रहती है

पत्थर लेकर गलियों गलियों लड़के पूछा करते हैं
हर बस्ती में मुझ से आगे शोहरत मेरी पहुँचती है

मुद्दत से इक लड़की के रुख़्सार की धूप नहीं आई
इसी लिये मेरे कमरे में इतनी ठंडक रहती है

ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे

ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे
तू बहुत देर से मिला है मुझे

हमसफ़र चाहिये हुजूम नहीं
इक मुसाफ़िर भी काफ़िला है मुझे

तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल
हार जाने का हौसला है मुझे

लब कुशां हूं तो इस यकीन के साथ
कत्ल होने का हौसला है मुझे

दिल धडकता नहीं सुलगता है
वो जो ख्वाहिश थी, आबला है मुझे

कौन जाने कि चाहतो में फ़राज़
क्या गंवाया है क्या मिला है मुझे

हर कोई दिल की हथेली पे है सहरा रक्खे

हर कोई दिल की हथेली पे है सहरा रक्खे,
किसको सैराब करे वो किसे प्यासा रक्खे

उम्र भर कौन निभाता है ताल्लुक़ इतना,
ऐ मेरी जान के दुश्मन तुझे अल्लाह रक्खे

मुझको अच्छा नहीं लगता कोई हमनाम तेरा,
कोई तुझसा हो, तो फिर नाम भी तुझसा रक्खे

दिल भी पागल है के उस शख़्स से वाबस्ता है,
जो किसी और का होने दे ना अपना रक्खे

कम नहीं तमा-ए-इबादत भी हिर्स-ए-ज़र से,
फ़ख़्र तो वो है के जो दीन ना दुनिया रक्खे ।

हंस ना इतना भी फ़क़ीरों के अकेलेपन पर,
जा ख़ुदा मेरी तरह तुझको भी तन्हा रक्खे ।

ये क़ना’अत है, इता’अत है, के चाहत है ’फ़राज़’,
हम तो राज़ी हैं वो जिस हाल में जैसा रक्खे ।

बारिश - परवीन शाकिर

बारिश में क्या तन्हा भीगना लड़की!
उसे बुला जिसकी चाहत में
तेरा तन-मन भीगा है
प्यार की बारिश से बढ़कर क्या बारिश होगी!
और जब इस बारिश के बाद
हिज्र की पहली धूप खिलेगी
तुझ पर रंग के इस्म खुलेंगे।

दूब


मोटी, धुली लॉन की दूब,
साफ़ मखमल की कालीन


ठंडी धुली सुनहरी धूप

हलकी मीठी चा-सा दिन,
मीठी चुस्की-सी बातें,
मुलायम बाहों-सा अपनाव

पलकों पर हौले-हौले
तुम्हारे फूल से पाँव
मानो भूलकर पड़ते
हृदय के सपनों पर मेरे

अकेला हूँ आओ

धर्म

तेज़ी से एक दर्द
मन में जागा
मैंने पी लिया,
छोटी सी एक ख़ुशी
अधरों में आई
मैंने उसको फैला दिया,
मुझको सन्तोष हुआ
और लगा –-
हर छोटे को
बड़ा करना धर्म है ।

जो बीत गई सो बात गई

जो बीत गई सो बात गई

जीवन में एक सितारा था
माना वह बेहद प्यारा था
वह डूब गया तो डूब गया
अम्बर के आनन को देखो
कितने इसके तारे टूटे
कितने इसके प्यारे छूटे
जो छूट गए फिर कहाँ मिले
पर बोलो टूटे तारों पर
कब अम्बर शोक मनाता है
जो बीत गई सो बात गई

जीवन में वह था एक कुसुम
थे उसपर नित्य निछावर तुम
वह सूख गया तो सूख गया
मधुवन की छाती को देखो
सूखी कितनी इसकी कलियाँ
मुर्झाई कितनी वल्लरियाँ
जो मुर्झाई फिर कहाँ खिली
पर बोलो सूखे फूलों पर
कब मधुवन शोर मचाता है
जो बीत गई सो बात गई

जीवन में मधु का प्याला था
तुमने तन मन दे डाला था
वह टूट गया तो टूट गया
मदिरालय का आँगन देखो
कितने प्याले हिल जाते हैं
गिर मिट्टी में मिल जाते हैं
जो गिरते हैं कब उठतें हैं
पर बोलो टूटे प्यालों पर
कब मदिरालय पछताता है
जो बीत गई सो बात गई

मृदु मिटटी के हैं बने हुए
मधु घट फूटा ही करते हैं
लघु जीवन लेकर आए हैं
प्याले टूटा ही करते हैं
फिर भी मदिरालय के अन्दर
मधु के घट हैं मधु प्याले हैं
जो मादकता के मारे हैं
वे मधु लूटा ही करते हैं
वह कच्चा पीने वाला है
जिसकी ममता घट प्यालों पर
जो सच्चे मधु से जला हुआ
कब रोता है चिल्लाता है
जो बीत गई सो बात गई

उदास तुम

तुम कितनी सुन्दर लगती हो
जब तुम हो जाती हो उदास !
ज्यों किसी गुलाबी दुनिया में सूने खँडहर के आसपास
मदभरी चांदनी जगती हो !

मुँह पर ढँक लेती हो आँचल
ज्यों डूब रहे रवि पर बादल,
या दिन-भर उड़कर थकी किरन,
सो जाती हो पाँखें समेट, आँचल में अलस उदासी बन !
दो भूले-भटके सान्ध्य-विहग, पुतली में कर लेते निवास !
तुम कितनी सुन्दर लगती हो
जब तुम हो जाती हो उदास !

खारे आँसू से धुले गाल
रूखे हलके अधखुले बाल,
बालों में अजब सुनहरापन,
झरती ज्यों रेशम की किरनें, संझा की बदरी से छन-छन !
मिसरी के होठों पर सूखी किन अरमानों की विकल प्यास !
तुम कितनी सुन्दर लगती हो
जब तुम हो जाती हो उदास !

भँवरों की पाँतें उतर-उतर
कानों में झुककर गुनगुनकर
हैं पूछ रहीं-‘क्या बात सखी ?
उन्मन पलकों की कोरों में क्यों दबी ढँकी बरसात सखी ?
चम्पई वक्ष को छूकर क्यों उड़ जाती केसर की उसाँस ?
तुम कितनी सुन्दर लगती हो
ज्यों किसी गुलाबी दुनिया में सूने खँडहर के आसपास
मदभरी चाँदनी जगती हो !

कोई बात चले - गुलज़ार


नज़र उठाओ ज़रा तुम तो क़ायनात चले,
है इन्तज़ार कि आँखों से कोई बात चले

तुम्हारी मर्ज़ी बिना वक़्त भी अपाहज है
न दिन खिसकता है आगे, न आगे रात चले

न जाने उँगली छुडा के निकल गया है किधर
बहुत कहा था जमाने से साथ साथ चले

किसी भिखारी का टूटा हुआ कटोरा है
गले में डाले उसे आसमाँ पे रात चले

. _______________________________ .

Nazar uthaao tum to kaaynat chale 
Hai intzaar ki aankhon se koi baat chale 

tumhari marzee ke bina waqt bhi apaahaj hai 
na din khisakta hai aagey, naa aagey raat chale

Na jaane ungli chhudaa ke nikal gaya hai kidhar
Bahut kaha tha zamaane se saath-saath chale 

Kisi bhikhari ka tuta hua katora hai 
Gale mein daale usey aasman pe raat chale.