गाना - आज तो बिजलियाँ गिराने की शाम है
फिल्म - थोड़ा सा रूमानी हो जाएँ
संगीतकार -भास्कर चंद्वारकर
गीतकार - कमलेश पाण्डेय
गायक -उषा रेजे, मीना ताड़कर, शिल्पी सेनगुप्ता, नूतन सेनगुप्ता, सगारका मुखर्जी
मेहमान सब आते ही होंगे
जल्दी से निपटा लो जो काम है
आज की शाम ना बरबाद करो
आज तो बिजलियाँ गिराने की शाम है
ज़रा ठहरो ज़रा ठहरो, सँभालो अपना गजरा
लगा तो लो आँखों में काली घटा का कजरा
आय हाय हाय हाय
आज तो बिजलियाँ ...
अरी कलमुँही मेरी बूँद लगा दे
कोई मेरी लिपस्टिक का रंग तो मिला दे
मेरा जुड़ा खिसका, मेरा आँचल बहका
हाय!
तेरी चोली की हुक मेरे बालों में फँसी
मेरी क्लिप हुई गुम तुझे आती है हँसी!
अपने सैंया को बुला ले
अपनी क्लिप ढुँढ़वा ले
अपना बूँदा लगवा ले
अपनी चोली कसवा ले
ले ले हाय हाय
आज तो बिजलियाँ ...
ऐ पलटन! शादी तुम्हारी है कि लोपा की?
ओ दीदी! तुम न समझोगी!
बिन्नी दीदी! तुम न जानोगी!
तुम्हें क्या पता कि एक ही शादी में कितनी निगाहें चार होती हैं?
शादी सहेली की हो या हो किसीकी
कितने छुप छुप के वार होते हैं?
कैसे लड़के पटाए जाते हैं
कितने दुल्हे फँसाए जाते हैं!
इस लिये ऐ शरीफ़ लड़कियों, चलो,
अपने हुस्न का तूफ़ान लेकर!
इस पार हम लड़कियों की क़तारें हैं
और उस पार? सब के सब कुँवारे हैं!
हाय हाय हाय हाय
आज तो बिजलियाँ गिराने की शाम है
शाम है..
बिन्नी दीदी, तुम हम सब से बड़ी हो
पर शादी के मैदान में कब से अकेली खड़ी हो!
इस लिये हमारी मान लो
वरना यूँ ही रह जाओगी, ये जान लो!
गाना - चाँदनी रात भर जगायेगी
गायक - छाया गांगुली
चाँदनी रातभर जगायेगी
आज फिर नींद नहीं आयेगी
चाँदनी रात..
कैसी है ये अजीब सी तन्हाई
नींद क्या मेरा घर भूल गयी?
हर चहरा सवाली लगता है
भरा हुआ घर खाली लगता है
मेरे क़दमों से लिपटी बेचैनी
आज जाने कहाँ ले जायेगी
चाँदनी रात
चाँदनी रातभर जगायेगी
आज फिर नींद नहीं आयेगी
चाँदनी रात
मेरे पास क्या है जो कोई आयेगा
मुझे देखेगा और रुक जायेगा
फिर क्या कोई नहीं आयेगा?
अब यहाँ कोई नहीं आयेगा?
ये किसका इन्तज़ार है मुझे
किसके आने की ख़बर लायेगी
चाँदनी रात
चाँदनी रातभर जगायेगी
आज फिर नींद नहीं आयेगि
चाँदनी रात
गाना - थोड़ा सा रूमानी हो जाएं
गायक - छाया गांगुली
बादलों का नाम न हो, अम्बर के गाँवों में
जलता हो जँगल खुद अपनी छाँव में
यही तो है मौसम
तुम और हम
बादलों के नग़में गुनगुनाएं
थोड़ा सा रूमानी हो जाएं
मुश्किल है जीना
उम्मीद के बिना
थोड़े से सपने सजाएं
थोड़ा सा रूमानी हो जाएं
थोड़ा सा रूमानी हो जाएं
रासता अकेला हो, हर तरफ़ अंधेरा हो
रात भी हो घात की, दिन भी लुटेरा हो
यही तो है मौसम
आओ तुम और हम
यही तो है मौसम
आओ तुम और हम
दर्द को बाँसुरी बनाएं
थोड़ा सा रूमानी हो जाएं
मुश्किल है जीना
उम्मीद के बिना
थोड़े से सपने सजाएं
थोड़ा सा रूमानी हो जाएं
थोड़ा सा रूमानी हो जाएं
गाने सुनने के लिए यहाँ या यहाँ
फिल्म - थोड़ा सा रूमानी हो जाएँ
संगीतकार -भास्कर चंद्वारकर
गीतकार - कमलेश पाण्डेय
गायक -उषा रेजे, मीना ताड़कर, शिल्पी सेनगुप्ता, नूतन सेनगुप्ता, सगारका मुखर्जी
मेहमान सब आते ही होंगे
जल्दी से निपटा लो जो काम है
आज की शाम ना बरबाद करो
आज तो बिजलियाँ गिराने की शाम है
ज़रा ठहरो ज़रा ठहरो, सँभालो अपना गजरा
लगा तो लो आँखों में काली घटा का कजरा
आय हाय हाय हाय
आज तो बिजलियाँ ...
अरी कलमुँही मेरी बूँद लगा दे
कोई मेरी लिपस्टिक का रंग तो मिला दे
मेरा जुड़ा खिसका, मेरा आँचल बहका
हाय!
तेरी चोली की हुक मेरे बालों में फँसी
मेरी क्लिप हुई गुम तुझे आती है हँसी!
अपने सैंया को बुला ले
अपनी क्लिप ढुँढ़वा ले
अपना बूँदा लगवा ले
अपनी चोली कसवा ले
ले ले हाय हाय
आज तो बिजलियाँ ...
ऐ पलटन! शादी तुम्हारी है कि लोपा की?
ओ दीदी! तुम न समझोगी!
बिन्नी दीदी! तुम न जानोगी!
तुम्हें क्या पता कि एक ही शादी में कितनी निगाहें चार होती हैं?
शादी सहेली की हो या हो किसीकी
कितने छुप छुप के वार होते हैं?
कैसे लड़के पटाए जाते हैं
कितने दुल्हे फँसाए जाते हैं!
इस लिये ऐ शरीफ़ लड़कियों, चलो,
अपने हुस्न का तूफ़ान लेकर!
इस पार हम लड़कियों की क़तारें हैं
और उस पार? सब के सब कुँवारे हैं!
हाय हाय हाय हाय
आज तो बिजलियाँ गिराने की शाम है
शाम है..
बिन्नी दीदी, तुम हम सब से बड़ी हो
पर शादी के मैदान में कब से अकेली खड़ी हो!
इस लिये हमारी मान लो
वरना यूँ ही रह जाओगी, ये जान लो!
गाना - चाँदनी रात भर जगायेगी
गायक - छाया गांगुली
चाँदनी रातभर जगायेगी
आज फिर नींद नहीं आयेगी
चाँदनी रात..
कैसी है ये अजीब सी तन्हाई
नींद क्या मेरा घर भूल गयी?
हर चहरा सवाली लगता है
भरा हुआ घर खाली लगता है
मेरे क़दमों से लिपटी बेचैनी
आज जाने कहाँ ले जायेगी
चाँदनी रात
चाँदनी रातभर जगायेगी
आज फिर नींद नहीं आयेगी
चाँदनी रात
मेरे पास क्या है जो कोई आयेगा
मुझे देखेगा और रुक जायेगा
फिर क्या कोई नहीं आयेगा?
अब यहाँ कोई नहीं आयेगा?
ये किसका इन्तज़ार है मुझे
किसके आने की ख़बर लायेगी
चाँदनी रात
चाँदनी रातभर जगायेगी
आज फिर नींद नहीं आयेगि
चाँदनी रात
गाना - थोड़ा सा रूमानी हो जाएं
गायक - छाया गांगुली
बादलों का नाम न हो, अम्बर के गाँवों में
जलता हो जँगल खुद अपनी छाँव में
यही तो है मौसम
तुम और हम
बादलों के नग़में गुनगुनाएं
थोड़ा सा रूमानी हो जाएं
मुश्किल है जीना
उम्मीद के बिना
थोड़े से सपने सजाएं
थोड़ा सा रूमानी हो जाएं
थोड़ा सा रूमानी हो जाएं
रासता अकेला हो, हर तरफ़ अंधेरा हो
रात भी हो घात की, दिन भी लुटेरा हो
यही तो है मौसम
आओ तुम और हम
यही तो है मौसम
आओ तुम और हम
दर्द को बाँसुरी बनाएं
थोड़ा सा रूमानी हो जाएं
मुश्किल है जीना
उम्मीद के बिना
थोड़े से सपने सजाएं
थोड़ा सा रूमानी हो जाएं
थोड़ा सा रूमानी हो जाएं
गाने सुनने के लिए यहाँ या यहाँ