रिफ्यूजी (2000)

फिल्म - रिफ्यूजी (2000)
गाना - रात की हथेली पर 
संगीतकार - अनु मलिक
गीतकार - जावेद अख्तर
गायक - उदित नारायण

रात की हथेली पर, चाँद जगमगाता है
उसकी नर्म किरणों में, तुमको देखता हूँ तो
दिल धड़क सा जाता है..

तुम कहाँ से आई हो, किस नगर को जाओगी
सोचता हूँ मैं  हैरां..
चाँद जैसा ये चेहरा, रात जैसी ये जुल्फें
है जगाएं सौ अरमां...
एक नशा सा आँखों में, धीरे-धीरे छाता है
रात की हथेली पर, चाँद जगमगाता है

मेरी इस तन्हाई में, मेरे इस वीराने में
रंग लेके तुम आई..
फिर भी सोचता हूँ मैं, क्या यहाँ तुम सचमुच हो
या हो सिर्फ परछाई..
ख्व़ाब जैसा बनता है और टूट जाता है
रात की हथेली पर, चाँद जगमगाता है


गाना - ताल पे जब ये जिंदगानी चली 
गायक - अलका याग्निक, सोनू निगम 

ताल पे जब ये जिंदगानी चली
हम हैं दीवाने, ये कहानी चली

तेरी नज़र की धूप है जिसने मुझको रूप दिया
निखर गयी हूँ संवर गयी हूँ जबसे प्यार किया
सच तो ये है सनम, है ये तेरे करम
होश सारा गंवाके दीवानी चली
ताल पे जब ये जिंदगानी चली
हम हैं दीवाने, ये कहानी चली

सच कहता हूँ मैं जबसे थामा है ये आँचल
मेरी दुनिया में हर पल है जैसे कोई हलचल
सपने सजने लगे, साज़ बजने लगे
बदला मौसम हवा जो सुहानी चली
ताल पे जब ये जिंदगानी चली
हम हैं दीवाने, ये कहानी चली


गाना - पंछी नदियाँ पवन के झोंके 
गायक - अलका याग्निक, सोनू निगम

पंछी, नदियाँ, पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहद इंसानों के लिए है
सोचो, तुमने और मैंने क्या पाया
इन्सां होके..

जो हम दोनों पंछी होते, तैरते हम इस नीले गगन में, पंख पसारे
सारी धरती अपनी होती, अपने होते, सारे नज़ारे
खुली फिजाओं में उड़ते
अपने दिलों में हम सारा प्यार समो के
पंछी, नदियाँ, पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके

जो मैं होती नदिया और तुम पवन के झोंके, तो क्या होता
पवन के झोंके नदी के तन को जब छूते हैं
लहरें ही लहरें बनती हैं
हम दोनों जब मिलते तो कुछ ऐसा होता
सब कहते ये लहर-लहर जहाँ भी जाएं, इनको ना, कोई टोके
पंछी, नदियाँ, पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके


गाना ० ऐसा लगता है 
गायक - अलका याग्निक, सोनू निगम

ऐसा लगता है, जो ना हुआ, होने को है
ऐसा लगता है, अब दिल मेरा खोने को है
वर्ना, दिल क्यों धड़कता, सांसें क्यों रूकती
नींदें मेरी क्यों उड़ जाती...
ऐसा लगता है, जो ना हुआ, होने को है

कोई चेहरा निगाहों पे छाने लगा
कोई अब रोज़ ख़्वाबों में आने लगा
आई रुत जो नयी, जागे अरमां कई
मौसम कोई ग़ज़ल जैसे गाने लगा
ऐसा लगता है, जैसे नशा होने को है..
ऐसा लगता है, होश मेरा खोने को है..

महकी, महकी फिजा ने ली अंगड़ाइयां
नीली, नीली है बादल की परछाइयां
ठंडी, ठंडी हवा लायी राग नया
गूंजी, गूंजी सी है जैसे शहनाइयां
ऐसा लगता है, कोई मेरा होने को है..
ऐसा लगता है, हर फासला खोने को है..


गाना - मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र
गायक - अलका याग्निक, सोनू निगम

मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र
मेरे पास आ, मेरे पास आ
हमें साथ चलना है उम्र भर
मेरे पास आ, मेरे पास आ

है सफ़र ये हमारा नया-नया, किसी पल अँधेरा जो हो गया
कहीं खो न जाएँ ये रहगुज़र,
मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र
मेरे पास आ, मेरे पास आ

ज़रा ठहर जा मेरे हमनवा
यहाँ अगले मोड़ पे होगा क्या
किसे है पता, किसे है खबर
मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र
मेरे पास आ, मेरे पास आ

जो घरों को छोड़ के हैं चले
उन्हें क्या डरायेंगे फासले
हमें जाना है दिल के नगर
मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र
मेरे पास आ, मेरे पास आ

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