यस बॉस (1997)

फिल्म - यस बॉस (1997)
गाना - एक दिन आप यूं हमको
संगीतकार - जतिन ललित
गीतकार - जावेद अख्तर
गायक - अभिजीत, अलका याग्निक

एक दिन आप यूं हमको मिल जाएंगे
फूल ही फूल राहों में खिल जाएंगे
मैंने सोचा न था
एक दिन ज़िंदगी इतनी होगी हसीं
झूमेगा आसमां, गाएगी ये ज़मीं
मैंने सोचा न था

दिल की डाली में कलियां खिलने लगीं
जब निगाहें निगाहों से मिलनें लगीं
एक दिन इस तरह होश खो जाएंगे
पास आएंगे मदहोश हो जाएंगे
मैंने सोचा न था
एक दिन आप यूं हमको मिल जाएंगे
फूल ही फूल राहों में खिल जाएंगे

जगमगाती सुबह जगमगाती रात है
रात है या सितारों की बारात है
एक दिन दिल की राहों में अपने लिए
जल उठेंगे मोहब्बत के इतने दीये
मैंने सोचा न था
एक दिन आप यूं हमको मिल जाएंगे
फूल ही फूल राहों में खिल जाएंगे


गाना - मैं कोई ऐसा गीत गाऊं
गायक - अभिजीत, अलका याग्निक

मैं कोई ऐसा गीत गाऊँ, कि आरजू जगाऊँ
अगर तुम कहो..
तुमको बुलाऊँ, कि पलके बिछाऊँ
कदम तुम जहाँ जहाँ रखो..
ज़मीं को आसमां बनाऊँ, सितारोँ से सजाऊँ
अगर तुम कहो....

मैं तितलियों के पीछे भागूं, मैं जुगनूओं के पीछे जाऊँ
ये रंग हैं वो रोशनी हैं, तुम्हारे पास दोनों लाऊँ
जितनी खूश्बूयें बाग में मिले..
मैं लाऊँ, वहां पे, के तुम हो जहाँ..
जहाँ पे एक पल भी ठहरूं, मैं गुलसितां बनाऊँ
अगर तुम कहो…

अगर कहो तो मैं सुनाऊँ, तुम्हें हंसी कहानियाँ
सुनोगे क्या मेरी जुबानी, तुम एक परी की दास्ताँ
या मैं करूँ, तुम से बयाँ, कि राजा, से रानी, मिली थी कहाँ
कहानियों के नगर में, तुम्हें ले के जाऊँ
अगर तुम कहो…


गाना - चाँद तारे तोड़ लाऊं
गायक -  अभिजीत

जो भी चाहूँ वो मैं पाऊँ, जिंदगी में जीत जाऊं
चाँद तारे तोड़ लाऊं, सारी दुनिया पर मैं छाऊँ
बस इतना सा ख्वाब है...

यार तू भी सुन ज़रा, आरजू मेरी है क्या
मैं क्या बन जाना चाहता हूँ
मैं कहाँ ख़राब हूँ, मैं तो लाजवाब हूँ
मैं ये मनवाना चाहता हूँ...
मान जा ऐ खुदा, इतनी सी है दुआ
मैं बन जाऊं सबसे बड़ा...
मेरे पीछे, मेरे आगे
हाथ जोड़े दुनिया भागे
बस इतना सा ख्वाब है…

शान से रहूँ सदा, मुझ पे लोग हों फ़िदा
हसीनाएं भी दिल हों खोती
दिल का ये कमल खिले, सोने का महल मिले
बरसने लगे हीरे मोती
मान जा ऐ खुदा, इतनी सी है दुआ
मैं ज्यादा नहीं मांगता
सारी दौलत, सारी ताकत
सारी दुनिया पर हुकूमत
बस इतना सा ख्वाब है…


गाना - सुनिये तो रुकिये तो क्यों हैं ख़फ़ा
गायक - अभिजीत

सुनिये तो, रुकिये तो, क्यों हैं ख़फ़ा, कहिये तो
ऐसी क्या जळी जाने की
दीवाना, हूँ माना, सुनिये दीवाने की

ये शाम का दिलकश मंज़र
ये साहिल और समंदर
कहते हैं आप ना जाएं
हम पर ये क़रम फ़रमायें
सुनिये तो, कहती हैं बलखाती लहरें
आप कुछ देर तो ठहरें   ...

इठलाती शोख़ हवाएं
भीगी रंगीन फ़िज़ाएं
जो आप को देखे जाएं
तो सीखे और अदाएं
सुनिये तो, ये ज़ुल्फ़ें जो देखे बादल
सारे बरस बरसे वो पागल   ..



गाना - चूड़ी बजी है कहीं दूर छन छन
गायक - अलका याज्ञिक, उदित नारायण

चूड़ी चोरी चोरी, कुच कहे
कंगना, क्यों हँसा, क्या पता, क्या हुआ

चूड़ी बजी है, कहीं दूर छन छन छन छन
कंगना बजा है, कहीं दूर खन खन खन खन
ये तेरा कजरा ये तेरा गजरा
लुटा दूँ आज इसपे तन मन धन
चूड़ी बजी है, कहीं दूर छन छन छन छन

गिन गिन तारे रात गुज़ारूँ
दिन दिन भर मैं, तुझे पुकारूँ
साँवरे....
गिन गिन तारे रात गुज़ारूँ
दिन दिन भर मैं, तुझे पुकारूँ
गूँजती है पवन, जैसे सन सन सन सन सन
चूड़ी बजी है, कहीं दूर छन छन छन छन

खिलते खिलते गुल खिलते हैं
मिलते मिलते दिल मिलते हैं
गोरिया...
खिलते खिलते गुल खिलते हैं
मिलते मिलते दिल मिलते हैं
दिल मिले तो बजे, साज़ झन झन झन झन झन
चूड़ी बजी है, कहीं दूर छन छन छन छन


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