सपने

फिल्म - सपने
संगीत - ए.आर.रहमान
गीत - जावेद अख्तर
गायक -  हरिहरन, साधना सरगम
गाना - चंदा रे चंदा रे

चंदा रे चंदा रे
कभी तो ज़मीं पर आ
बैठेंगे, बातें करेंगे
तुझको आते इधर, लाज आये अगर
ओढ़ के आजा, तू बादल घने

गुलशन-गुलशन, वादी-वादी
बहती है रेशम जैसी हवा
जंगल-जंगल, पर्वत-पर्वत
हैं नींद में सब इक मेरे सिवा
चंदा, चंदा
आजा सपनों की नीली नदिया में नहायें
आजा ये तारे चुनके हम, घार बनाएँ
इन धुँधली-धुँधली राहों में, आ दोनों ही खो जाएं
चंदा रे चंदा रे…

चंदा से पूछेंगे हम सारे सवाल निराले
झरने क्यों गाते हैं, पंछी क्यों मतवाले
क्यों है सावन महीना घटाओं का
चंदा से पूछेंगे हम सारे सवाल निराले
चंदा, चंदा
तितली के पर क्यों इतने रंगीं होते हैं
जुगनू रातों में जागे, तो कब सोते हैं
इन धुँधली-धुँधली राहों में, आ दोनों ही खो जाएं
चंदा रे, चंदा रे…'



गाना - आवारा भंवरे 
गायक - हेमा सरदेसाई, मलेशिया वासुदेवन

आवारा भँवरे जो हौले हौले गाएँ
फूलों के तन पे हवा ये सरसराये
कोयल की कुहू कुहू
पपीहे की पिहू पिहू
जंगल में झींगुर भी छाये जाये
नदियाँ में लहरें आयें
बलखायें छलकी जायें
भीगी होंठों से वो गुनगुनाएं
गाता है साहिल, गाता है बहता पानी
गाता है ये दिल सुन
सा रे गा मा पा धा नि सा रे

रात जो आये तो, सन्नाटा छाये तो
टिक-टिक करे घड़ी सुनो
दूर कहीं गुज़रे, रेल किसी पुल से
गूँजे धड़ाधड़ी सुनो
संगीत है ये, संगीत है
मन का संगीत सुनो
बाहों में लेके बच्चा, माँ जो कोई लोरी गाये
ममता का गीत सुनो
आवारा भँवरे…

भीगे परिन्दे जो, ख़ुद को सुखाने को
पर फड़फड़ाते हैं सुनो
गाय भी, बैल भी, गले में पड़ी घंटी
कैसे बजाते हैं सुनो
संगीत है ये, संगीत है
जीवन संगीत सुनो
बरखा रानी बूँदों की
पायल जो झनकाये
धरती का गीत सुनो
हिलको रे, हिलको रे…
आवारा भँवरे…



गाना - रौशन हुई रात
गायक - अनुराधा श्रीराम 

रौशन हुई रात, वो आसमान से उतरके ज़मीं पे आया
रौशन हुई रात, मरियम का बेटा, मुहब्बत क संदेश लाया

दुनिया में वो महरबाँ, साथ लाया सच्चाई के उजाले
दुनिया में बनके मसीहा वो आया, कि हमको दुःखों से बचा ले
रौश्न हुई रात   ...

वो आया सीने से उनको लगाने को हैं यहा.ं बेसहारे
वो आया बाहों में उनको छुपाने जो हैं यहा.ं ग़म के मारे

रौशन हुई रात जब जगमगाया पूरब गगन का सितारा
रुशन हुई रात हुक़्म\-ए\-ख़ुदा से मरियम ने येसू पुकारा
रौशन हुई रात   ...



गाना - स्ट्राबेरी आँखें  सोचती क्या हैं 
गायक - के.के, कविता पौडवाल 

स्ट्रॉबेरी आँखें, सोचती क्या हैं
लड़की तुम हो महलों में हो पली
वो आईसक्रीम हो जो है फ़्रिज् में रखी
तुमने जो भी कहा, वो हमेशा हुआ
तुम्हें हर चीज़ मिली, मर्सिडीज मिली
फिर भी आँखों में है, कोई ग़म छुपा हुआ
फिर भी तुम खुश नहीं, बोलो है बात क्या

ऐं? नो रिएक्शन? वॉल्यूम डबल करूँ?
स्ट्रॉबेरी आँखें   ...

तुम दिल की हर इक बात पे क्यों इतनी हो बेज़ार
तुम प्यार के सब ख़्वाबों को भी कहती हो बेकार
पगली कहीं हो तो नहीं
लाऊँ मैं क्या, कोई दवा?

कोई पगली वगली नहीं मैं, सुनो
दवा मुझको न दो, इलाज अपना करो
मेरे दादा-परदादा भी पागल न थे
 न कोई पागल्पन मुझ में है

 पाऊँ कैसे खुशी अपने ही प्यार में
 जब के है दुःख भरा सारे संसार में
 मुझको ऐसी खुशी से नहीं वासता
 मेरा तो है अलग रास्ता

क्या? शादी नहीं चाहिये?
 तो फिर रूट चेंज

आँखों में हैं हीरे चमकते
चेहरे पर हैं, चाँद दमकते
गालों में हैं, फूल महकते
होंठों में हैं कलियाँ गुलाबी
दिल को बना दें जैसे शराबी
नाक तो थोड़ी ओवर साईज है
It's okay, मैडम. प्लास्टिक सर्जरी कर देंगे

मेरी तो नाक जैसी है, तु अपना सर दिखा
लगता है तेरे सर में है, भूसा भरा हुआ
किसे पता, किसे खबर, तू आदमी है या बन्दर



गाना - दूर न जा मुझसे पास आ 
गायक - S P Balasubramaniam

दूर न जा, मुझसे, पास आ
मेरा तन प्यासा, मन प्यासा
नहीं मुझको चैन ज़रा सा
मेरे अंग अंग में अंगारे   ...

सुलगती साँसें तरसती बाहें हैं मेरी
जहाँ भी तू है, वहीं निगाहें हैं मेरी
है चाँद जैसा, ये चेहरा तेरा, बदन तेरा सूरज
तो फिर ये क्यों है, कि यूँ अन्धेरी
सारी रातें हैं मेरी
तेरे ये उजाले मैं बाहों में भर लूँ
तुझे छू के ख़ुद को अमर आज कर लूँ
मचल रहा है दिल मेरा
दूर न जा   ...

कभी तो होगा, ये हाथ मेरे हाथों में
कभी तो छलकेगा, प्यार तेरी बातों में
कभी तो पिघलेंगे, तेरे तन\-मन मेरे क़रीब आके
कभी तो टूटेंगे सारे बन्धन, महकी महकी रातों में
तेरी आरज़ू में, जो करता हूँ जानम
न जीता हूँ जानम, न मरता हूँ जानम
तड़प रहा है दिल मेरा
दूर न जा   ...



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