लगान

गाना - राधा कैसे न जले
फिल्म - लगान - Lagaan
संगीतकार - ए. आर. रहमान
गीतकार - जावेद अख्तर
गायक - आशा भोसले, उदित नारायण

मधुबन में जो कन्हैया किसी गोपी से मिले
कभी मुस्काये, कभी छेड़े कभी बात करे
राधा कैसे न जले, राधा कैसे न जले
आग तन में लगे
राधा कैसे न जले, राधा कैसे न जले

मधुबन में भले कान्हा किसी गोपी से मिले
मन में तो राधा के ही प्रेम के हैं फूल खिले
किस लिये राधा जले, किस लिये राधा जले
बिना सोचे समझे
किस लिये राधा जले, किस लिये राधा जले

गोपियाँ तारे हैं चान्द है राधा
फिर क्यों है उस को वि{ष}वास आधा
कान्हा जी का जो सदा इधर उधर ध्यान रहे
गोपियाँ आनी\-जानी हैं
राधा तो मन की रानी है
साँझ सखारे, जमुना किनारे
राधा राधा ही कान्हा पुकारे
बाहों के हार जो डाले कोई कान्हा के गले
राधा कैसे न जले ...

मन में है राधे को कान्हा जो बसाये
तो कान्हा काहे को उसे न बसाये
प्रेम की अपनी अलग बोली अलग भाषा है
बात नैनों से हो, कान्हा की यही आशा है
कान्हा के ये जो नैना नैना हैं
छीनें गोपियों के चैना हैं
मिली नजरिया हुई बाँवरिया
गोरी गोरी सी कोई गुजरिया
कान्हा का प्यार किसी गोपी के मन में जो पले
किस लिये राधा जले, राधा जले, राधा जले
रधा कैसे न जले



गाना - मितवा सुन मितवा तुझ को क्या डर है रे 
गायक - उदित नारायण , अलका याज्ञिक

हर सन्त कहे हर साधु कहे
सच और साहस है जिस के मन में
अन्त में जीत उसी की है

आजा रे आजा रे
भले कितने लम्बे हों रास्ते, हो
थके न तेरा ये तन, हो
आजा रे आजा रे
 सुन ले पुकारे डगरिया
रहे न रास्ते तरसते, हो
तू आजा रे
इस धरती का है राजा तू, ये बात जान ले तू
कठिनाई से टकरा जा तू, नहीं हार मान ले तू

 मितवा सुन मितवा, तुझ को क्या डर है रे
ये धरती अपनी है, अपना अम्बर है रे
ओ मितवा सुन मितवा तुझ को क्या डर है रे
ये धरती अपनी है, अपना अम्बर है रे
तू आजा रे ...

सुन लो रे मितवा
जो है तुम्हरे मन में, वो ही हमरे मन में
जो सपना है तुम्हरा, सपना वो ही हमरा है
जीवन में
हाँ, चले हम लिये आसा के दिये नयनन में
दिये हमरी आसाओं के कभी बुझ न पायें
कभी आँधियाँ जो आ के इन को बुझायें
मितवा सुन मितवा, तुझ को क्या डर है रे ...

सुन लो मितवा
पुरवा भी गायेगी, मस्ती भी छायेगी
मिल के पुकारो तो, फूलों वाली जो रुत है
आयेगी
हाँ, सुख भरे दिन दुःख के बिन लायेगी
हम तुम सजायें आओ सपनों के मेले
रहते हो काहे बोलो, तुम यूँ अकेले
मितवा सुन मितवा, तुझ को क्या डर है रे ...

हर सन्त कहे हर साधु कहे
सच और साहस है जिस के मन में
अन्त में जीत उसी की है

ओ मितवा, सुन मितवा ...



ओ रे छोरी, ओ री छोरी, मान भी ले बात मोरी
मैने प्यार तुझी से है किया, हो

तेरे बिन मैं जीया तो क्या जीया
ओह, तेरे नैनों में यह जो काजल है
सपनों का बादल है
मन तेरे ही कारण पागल है, ओ गोरिया
हो ओह, ओह, ओह ओह ओह

(ओ रे छोरे, दिल से निकले, बोल मोरे) - 2
मैने प्यार तुझी से है किया, हो
मैने तुझको ही माना है पिया
ओह, तूने थामा आज यह आँचल है
मॅन में एक हलचल है
मैं ना भूलूंगी यह वो पल है, साँवरिया
ओह ओह, ओह, ओह ओह ओह
माई हार्ट, इट स्पीक्स आ थाउज़ंड वर्ड्स
आई फील एटर्नल ब्लिस
थे रोज़स पुट देयर स्कार्लेट माउत्स
लाइक ऑफरिंग आ किस
नो ड्रॉप ऑफ रैन, नो ग्लोयिंग फ्लेम
हेज़ एवर बिन सो प्यूर
इफ़ बीयिंग इन लव कॅन फील लाइक दिस
देन ई' म इन लव फॉर शुवर
मोरे मॅन में
मोरे मॅन में थी जो बात छुपी
आई है ज़बान पर
मोरे दिल में कहीं एक तीर जो था
आया है कमान पर
सुन सुन ले साजन रहे जनम जनम
हम प्रेम नगर के बासी
थामे थामे हाथ, रहे साथ साथ
कभी दूरे हो ना ज़रा सी
चलूं मैं संग संग तेरी राह में
बस तेरी चाह में, हो ओह ओह ओह

ओ रे छ्होरे ओ री छोरी
ओह, ई' म इन लोवे, ई आम इन लोवे, एस ई




बार बार हाँ, बोलो यार हाँ
अपनी जीत हो, उनकी हार हाँ

कोई हमसे जीत ना पावे
चले चलो, चले चलो
मिट जावे जो टकरावे,
चले चलो
भले घोर अंधेरा छावे
चले चलो, चले चलो
कोई राह में ना थाम जावे,
चले चलो

टूट गयी जो, उंगली उट्ठी
पाँचों मिली तो, बन गये मुट्ठी
एका बढ़ता ही जावे
चले चलो, चले चलो
कोई कितना भी बहकावे,
चले चलो
कोई हमसे जीत ना पावे
चले चलो, चले चलो
मिट जावे जो टकरावे,
चले चलो

कोई ना अब रोके तुझे, टोके तुझे
तोड़ दे बंधन सारे
मिला है क्या होके तुझे निर्बल, तू ही बता

कभी ना दुख झेलेंगे, खेलेंगे
ऐसे के दुसमन हारे
के अब तो ले लेंगे, हिम्मत का रस्ता

धरती हिला देंगे, सबको दिखा देंगे
राजा है क्या, परजा है क्या,
हम जाग पे छाएंगे, अब ये बताएँगे
हम लोगों का दर्जा है क्या,
बार बार हाँ…

अब डर नहीं मन में आवे
चले चलो, चले चलो
हर बेदी अब खुल जावे, चले चलो

चला ही चल, हाँफ नहीं, काँप नहीं
राह में अब तो राही
थकन का साँप नहीं अब तुझे डसने पाए

वही जो तेरा हाक़िम है, जालिम है
की है जिसने तबाही
घर उसका पच्छिम है, यहाँ ना बसने पाए

धरती हिला देंगे, सबको दिखा देंगे
राजा है क्या…

जो होना है हो जावे
चले चलो, चले चलो
अब सर ना कोई झुकावे, चले चलो
कोई हमसे जीत…


 
ओ पालनहारे, निर्गुण और न्यारे

तुमरे बिन हमरा कौनो नाही
हमरी उलझन, सुलझाओ भगवन
तुमरे बिन…

तुम्ही हमका हो संभाले
तुम्ही हमरे रखवाले
तुमरे बिन…

चन्दा में तुम्ही तो भरे हो चांदनी
सूरज में उजाला तुम्ही से
ये गगन है मगन, तुम्ही तो दिए हो इसे तारे
भगवन, ये जीवन, तुम्ही ना संवारोगे
तो क्या कोई सँवारे
ओ पालनहारे…

जो सुनो तो कहे
प्रभुजी हमरी है बिनती
दुखी जन को, धीरज दो
हारे नहीं वो कभी दुखसे
तुम निर्बल को रक्षा दो
रह पाएं निर्बल सुख से
भक्ति को, शक्ति दो
जग के जो स्वामी हो,
इतनी तो अरज सुनो
है पथ में अंधियारे
दे दो वरदान में उजियारे
ओ पालनहारे…



घनन घनन घिर घिर आये बदरा, घने घन घोर कारे छाए बदरा,
धमक धमक गूंजे बदरा के दनके, चमक चमक देखो बिजुरिया चमके,
मन धड्काए बदरवा – २, मन मन धड्काए बदरवा
काले मेघा काले मेघा पानी तो बरसाओ – २
बिजुरी की तलवार नहीं, बूंदों के बाण चलाओ
मेघा छाये, बरखा लाये, घिर घिर आये, घिरके आये,
कहे ये मन मचल मचल, न यूं चल संभल संभल,
गए दिन बदल, तू घर से निकल, बरसने वाला है अमरित जल,
दुविधा के दिन बीत गए, भैया मल्हार सुनाओ,
घनन घनन ...............
रस अगर बरसेगा, कौन फिर तरसेगा, कोयलिया गाएगी बैठी मुन्देरोपर
जो पंछी गायेंगे, नए दिन आयेंगे, उआले मुस्कुरा देंगे अंधेरो पर,
प्रेम की बरखा मैं भीगे भीगे तन मन, धरती पे देखेंगे पानी का दरपन
जइयो तुम जहाँ जहाँ, देखियो वहां वहां, यही एक समा, की धरती यहाँ,
है पहेने सात रंगों की चुअनारिया,
घनन घनन ...............
पेड़ों पर जूले डालों और ऊंची पेंग बढाओ
काले मेघा......
आई है रुत मतवाली, बिछाने हरियाली,
ये अपने संग लायी है सावन को, ये बिजुरी की पायल, ये बादल का आंचल,
सजाने लायी है धरती की दुल्हन को
डाली डाली पहेनेंगी फूलो के कंगन, सुख अब बरसेगा आँगन आँगन,
खिलेगी अब कलि कलि, हसेंगी अब गली गली,
हवा जो चली, तो रुत लगी भली, जला दे जो तन मन ओ धुप ढली,
काले मेघा......
घनन घनन ...............

No comments:

Post a Comment

We do our best to provide you with the correct lyrics. However, Sometimes we make mistakes. So If you find any mistake in the lyrics, Please let us know in the comment.