गाना - बोल सजनी मोरी सजनी
फिल्म - डोली सजा के रखना
संगीतकार - ए. आर. रहमान
गीतकार - महबूब
गायक - सोनु निगम, कविता कृष्णमुर्ती
बोल सजनी मोरी सजनी
ढंग जहाँ का कितना बदला
रंग मोहब्बत का ना बदला
चलन वफ़ा का है बस वैसा
सदियों से ही था वो जैसा
प्यार का दीवानापन है वो ही
ओ सजना कह दे प्यार के बोल ज़रा तू भी
सजनी रे सजनी रे एक तू ही जहाँ में है अनमोल
आजा रे मेरी बाँहों में तू डोल
सजनी रे सजनी रे एक तू ही जहाँ में है अनमोल
आजा रे मेरी बाँहों में तू डोल
बोल सजनी मोरि सजनी
जीने का बहाना है ये प्यार साथ
सपना सुहाना है ये प्यार साथी
संग मेरे साथी चल
धरती चली है जैसे आसमाँ संग
परबत है कहीं पे घटा संग
कहीं धुंध में हम हों जायें ओझल चल
ज़माने की आँखों से बच के
नैनों में एक दूजे के छुप के
बितायें दो पल हम चुपके चुपके
बोल सजन मोरे सजना बोल सजन मोरे सजना
ढंग जहाँ का कितना बदला
रंग मोहब्बत का ना बदला
चलन वफ़ा का है बस वैसा
सदियों से ही था वो जैसा
प्यार का दीवानापन है वो हि
ओ सजना कह दे प्यार के बोल ज़रा तू भी
सजनी रे सजनी रे एक तू ही जहाँ में है अनमोल
आजा रे मेरी बाँहों में तू डोल
सदियों पुरानी ये रीत रही है
जब भी दिलों में कहीं प्रीत हुई है
दुश्मन हुई ये दुनिया
डरा नहीं ज़ुल्मों से इश्क़ भी पर
तलवारों पे रख दिया सर
ज़ंजीरें भी टूटीं ये दुनिया भी हारी
वफ़ा का हम भी थामे परचम
जियेंगे जब तक तुम\-हम
मिल बाँट लेंगे ख़ुशी हो या ग़म
बोल सजनी मोरी सजनी
ढंग जहाँ का कितना बदला
रंग मोहब्बत का ना बदला
चलन वफ़ा का है बस वैसा
सदियों से ही था वो जैसा
प्यार का दीवानापन है वो हि
ओ सजना कह दे प्यार के बोल ज़रा तू भी
सजनी रे सजनी रे एक तू ही जहाँ में है अनमोल
आजा रे मेरी बाँहों में तू डोल
बोल सजनी मोरी सजनी
गाना - चल खेवा रे खेवा नैया खेवा
गायक - सुखविंदर सिंह, रानू मुखर्जी
खेवा खेवा हो खेवा हो खेवा
खेवा रे खेवा खेवा रे खेवा खेवा रे खेवा नैया रे
चल खेवाअ रे खेवा खेवा रे खेवा खेवा रे खेवा नैया रे
चल खेवा रे खेवा नैया खेवा मछली है सागर का मेवा
और भी देगा देवा देवा मेवा देवा
जल थल जल है चंचल मौजें ये बेकल
कोशिश कर आगे चल बोले ये हर पल
चल खेवा रे खेवा नैया खेवा मछली है सागर का मेवा
और भी देगा देवा देवा मेवा देवा
हमने सागर में खेला है मौत से आँख मिचोली
इसने ही तो बताया है कीमत ज़िंदगी की
इसके जितने बड़े इरा.दे हैं फिरते नहीं हैं ज़ुबाँ से हम
मोती भी जैसे हैं दौलत इस सागर की
हिम्मत भी वैसे ही है दौलत अपने दिल की
सागर जितना गहरा उतना दिल अपना
खेवा रे खेवा रे नैया खेवा मछली है सागर का मेवा
और भी देगा देवा देवा मेवा देवा
चल खेवा रे खेवा रे नैया खेवा मछली है सागर का मेवा
और भी देगा देवा देवा मेवा देवा
खेवा रे खेवा खेवा रे खेवा खेवा रे खेवा नैया रे
चल खेवा रे खेवा खेवा रे खेवा खेवा रे खेवा नैया रे
इश्क़ भी है समंदर तो दिल की कश्ती चला दो
साथी हम सा हसीं हो और माझी तुम सा जवाँ हो
फिर नीले-नीले अम्बर के साये में बहते जायें यहाँ-वहाँ हम
डूबने मत देना तुम पर कश्ती अपने दिल की
तूफ़ाँ से टकरा लूँ उम्मीदें हों साहिल की
मुश्किल की सुन ही आसानी है साहिबा
चल खेवा रे खेवा रे नैया खेवा मछली है सागर का मेवा
और भी देगा देवा देवा मेवा देवा
गाना - झूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
गायक - साधना सरगम, श्रीनिवास
झूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
भैया गोद में उठाओ न आज मुझे
कद से हूँ बड़ी मन से छोटी मैं आज भी मान लो ज़िद मेरी
झूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
भैया गोद में उठाओ न आज मुझे
कद से हूँ बड़ी मन से छोटी मैं आज भी मान लो ज़िद मेरी
झूला झूला झूला झूला
तू ख़ुशी तू क़रार तू बहार है
दम से तेरे ही तो घर पे निखार है
तू ख़ुशी तू क़रार तू बहार है
दम से तेरे ही तो घर पे निखार है
मैं शोर शराबा धूम करूँगी ठुमक-ठुमक नाचूँगी
चंचल कोयल के जैसे मैं तो चहक-चहक जाऊँगी
सारे रंग धनक के मैं चुरा लूँगी
हो सारे रंग धनक के मैं चुरा लूँगी
हो तारे फ़लक के तोड़ लाऊँगी
छुप-छुप मेरी हँसी ना उड़ाना
झूला बाँहों का आज भी
झूला झूला झूला झूला
झूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
भैया गोद में उठाओ न आज मुझे
कद से हूँ बड़ी मन से छोटी मैं आज भी मान लो ज़िद मेरी
झूला बाँहों का आज भी
तू ख़ुशी तू क़रार तू बहार है
दम से तेरे ही तो घर पे निखार है
इक नहीं दो नहीं तीन हैं भाई
तीनों जैसे मेरे सिपाही
मेरी शरारत मेरी तबाही बचा ले ख़ुदा
लेकिन इनका ग़ुस्सा ऐसा गड़गड़ गरजें बादल जैसा
फिर बर्सायें प्यार भी वैसा ओ मेरे ख़ुदा
मोती हूँ मैं इन आँखों का फूल हूँ इनके बाग का
झूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
भैया गोद में उठाओ न आज मुझे
कद से हूँ बड़ी मन से छोटी मैं आज भी मान लो ज़िद मेरी
झूला झूला झूला झूला
झूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
भैया गोद में उठाओ न आज मुझे
तू ख़ुशी तू क़रार तू बहार है
दम से तेरे ही तो घर पे निखार है
गाना - ओ किस्सा हम लिखेंगे दिल-ए-बेक़रार का
फिल्म - डोली सजा के रखना
संगीतकार - ए. आर. रहमान
गीतकार - महबूब
गायक - सोनु निगम, कविता कृष्णमुर्ती
बोल सजनी मोरी सजनी
ढंग जहाँ का कितना बदला
रंग मोहब्बत का ना बदला
चलन वफ़ा का है बस वैसा
सदियों से ही था वो जैसा
प्यार का दीवानापन है वो ही
ओ सजना कह दे प्यार के बोल ज़रा तू भी
सजनी रे सजनी रे एक तू ही जहाँ में है अनमोल
आजा रे मेरी बाँहों में तू डोल
सजनी रे सजनी रे एक तू ही जहाँ में है अनमोल
आजा रे मेरी बाँहों में तू डोल
बोल सजनी मोरि सजनी
जीने का बहाना है ये प्यार साथ
सपना सुहाना है ये प्यार साथी
संग मेरे साथी चल
धरती चली है जैसे आसमाँ संग
परबत है कहीं पे घटा संग
कहीं धुंध में हम हों जायें ओझल चल
ज़माने की आँखों से बच के
नैनों में एक दूजे के छुप के
बितायें दो पल हम चुपके चुपके
बोल सजन मोरे सजना बोल सजन मोरे सजना
ढंग जहाँ का कितना बदला
रंग मोहब्बत का ना बदला
चलन वफ़ा का है बस वैसा
सदियों से ही था वो जैसा
प्यार का दीवानापन है वो हि
ओ सजना कह दे प्यार के बोल ज़रा तू भी
सजनी रे सजनी रे एक तू ही जहाँ में है अनमोल
आजा रे मेरी बाँहों में तू डोल
सदियों पुरानी ये रीत रही है
जब भी दिलों में कहीं प्रीत हुई है
दुश्मन हुई ये दुनिया
डरा नहीं ज़ुल्मों से इश्क़ भी पर
तलवारों पे रख दिया सर
ज़ंजीरें भी टूटीं ये दुनिया भी हारी
वफ़ा का हम भी थामे परचम
जियेंगे जब तक तुम\-हम
मिल बाँट लेंगे ख़ुशी हो या ग़म
बोल सजनी मोरी सजनी
ढंग जहाँ का कितना बदला
रंग मोहब्बत का ना बदला
चलन वफ़ा का है बस वैसा
सदियों से ही था वो जैसा
प्यार का दीवानापन है वो हि
ओ सजना कह दे प्यार के बोल ज़रा तू भी
सजनी रे सजनी रे एक तू ही जहाँ में है अनमोल
आजा रे मेरी बाँहों में तू डोल
बोल सजनी मोरी सजनी
गाना - चल खेवा रे खेवा नैया खेवा
गायक - सुखविंदर सिंह, रानू मुखर्जी
खेवा खेवा हो खेवा हो खेवा
खेवा रे खेवा खेवा रे खेवा खेवा रे खेवा नैया रे
चल खेवाअ रे खेवा खेवा रे खेवा खेवा रे खेवा नैया रे
चल खेवा रे खेवा नैया खेवा मछली है सागर का मेवा
और भी देगा देवा देवा मेवा देवा
जल थल जल है चंचल मौजें ये बेकल
कोशिश कर आगे चल बोले ये हर पल
चल खेवा रे खेवा नैया खेवा मछली है सागर का मेवा
और भी देगा देवा देवा मेवा देवा
हमने सागर में खेला है मौत से आँख मिचोली
इसने ही तो बताया है कीमत ज़िंदगी की
इसके जितने बड़े इरा.दे हैं फिरते नहीं हैं ज़ुबाँ से हम
मोती भी जैसे हैं दौलत इस सागर की
हिम्मत भी वैसे ही है दौलत अपने दिल की
सागर जितना गहरा उतना दिल अपना
खेवा रे खेवा रे नैया खेवा मछली है सागर का मेवा
और भी देगा देवा देवा मेवा देवा
चल खेवा रे खेवा रे नैया खेवा मछली है सागर का मेवा
और भी देगा देवा देवा मेवा देवा
खेवा रे खेवा खेवा रे खेवा खेवा रे खेवा नैया रे
चल खेवा रे खेवा खेवा रे खेवा खेवा रे खेवा नैया रे
इश्क़ भी है समंदर तो दिल की कश्ती चला दो
साथी हम सा हसीं हो और माझी तुम सा जवाँ हो
फिर नीले-नीले अम्बर के साये में बहते जायें यहाँ-वहाँ हम
डूबने मत देना तुम पर कश्ती अपने दिल की
तूफ़ाँ से टकरा लूँ उम्मीदें हों साहिल की
मुश्किल की सुन ही आसानी है साहिबा
चल खेवा रे खेवा रे नैया खेवा मछली है सागर का मेवा
और भी देगा देवा देवा मेवा देवा
गाना - झूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
गायक - साधना सरगम, श्रीनिवास
झूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
भैया गोद में उठाओ न आज मुझे
कद से हूँ बड़ी मन से छोटी मैं आज भी मान लो ज़िद मेरी
झूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
भैया गोद में उठाओ न आज मुझे
कद से हूँ बड़ी मन से छोटी मैं आज भी मान लो ज़िद मेरी
झूला झूला झूला झूला
तू ख़ुशी तू क़रार तू बहार है
दम से तेरे ही तो घर पे निखार है
तू ख़ुशी तू क़रार तू बहार है
दम से तेरे ही तो घर पे निखार है
मैं शोर शराबा धूम करूँगी ठुमक-ठुमक नाचूँगी
चंचल कोयल के जैसे मैं तो चहक-चहक जाऊँगी
सारे रंग धनक के मैं चुरा लूँगी
हो सारे रंग धनक के मैं चुरा लूँगी
हो तारे फ़लक के तोड़ लाऊँगी
छुप-छुप मेरी हँसी ना उड़ाना
झूला बाँहों का आज भी
झूला झूला झूला झूला
झूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
भैया गोद में उठाओ न आज मुझे
कद से हूँ बड़ी मन से छोटी मैं आज भी मान लो ज़िद मेरी
झूला बाँहों का आज भी
तू ख़ुशी तू क़रार तू बहार है
दम से तेरे ही तो घर पे निखार है
इक नहीं दो नहीं तीन हैं भाई
तीनों जैसे मेरे सिपाही
मेरी शरारत मेरी तबाही बचा ले ख़ुदा
लेकिन इनका ग़ुस्सा ऐसा गड़गड़ गरजें बादल जैसा
फिर बर्सायें प्यार भी वैसा ओ मेरे ख़ुदा
मोती हूँ मैं इन आँखों का फूल हूँ इनके बाग का
झूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
भैया गोद में उठाओ न आज मुझे
कद से हूँ बड़ी मन से छोटी मैं आज भी मान लो ज़िद मेरी
झूला झूला झूला झूला
झूला बाँहों का आज भी दो ना मुझे
भैया गोद में उठाओ न आज मुझे
तू ख़ुशी तू क़रार तू बहार है
दम से तेरे ही तो घर पे निखार है
गाना - ओ किस्सा हम लिखेंगे दिल-ए-बेक़रार का
गायक - श्रीकुमार, अनुराधा पौडवाल
ओ किस्सा हम लिखेंगे दिल-ए-बेक़रार का
ख़त में सजा के फूल हम प्यार का
लफ़्ज़ों में लिख देंगे अपना ये हाल-ए-दिल
देखेंगे क्या जवाब आता है फिर यार का
किस्सा हम लिखेंगे दिल-ए-बेक़रार का
ख़त में सजा के फूल हम प्यार का
लफ़्ज़ों में लिख देंगे अपना ये हाल-ए-दिल
देखेंगे क्या जवाब आता है फिर यार का
किस्सा हम लिखेंगे दिल-ए-बेक़रार का
ख़त में सजा के फूल हम प्यार का
दिल का दीवानापन कहता है ये सजन
क़दमों में आपके लुटा दूँ अपनी जाअँ
जान हमारी हो जाँ से भी प्यारी हो
आपके प्यार की तो दिल में है जगह
दिल में ही बसा के रखना तुम सदा
हम तो ना छोड़ेंगे ये साथ कभी दिलदार का
किस्सा हम लिखेंगे दिल-ए-बेक़रार का
ख़त में सजा के फूल हम प्यार का
लफ़्ज़ों में लिख देंगे अपना ये हाल-ए-दिल
देखेंगे क्या जवाब आता है फिर यार का
किस्सा हम लिखेंगे दिल-ए-बेक़रार का
ख़त में सजा के फूल हम प्यार का
चंदा सा चेहरा जब याद आता है जब
दिन में भी छा जाता है रात का समाँ
रातें बेहाल हैं सोना मुहाल है
आँखों में आप हैं जी नींदें हैं कहाँ
मेरी भी निगाहों का अब सुन ले सवाल
पूछती हैं कब आयेगा फिर मौक़ा तेरे दीदार का
किस्सा हम लिखेंगे दिल-ए-बेक़रार का
ख़त में सजा के फूल हम प्यार का
लफ़्ज़ों में लिख देंगे अपना ये हाल-ए-दिल
देखेंगे क्या जवाब आता है फिर यार का
किस्सा हम लिखेंगे दिल-ए-बेक़रार का
ख़त में सजा के फूल हम प्यार का
गाना - ये खोया-खोया रहता है
गायक - बाबुल सुप्रियो, श्रीनिवास
गायक - बाबुल सुप्रियो, श्रीनिवास
ये खोया-खोया रहता है ये दिन में सोया-सोया रहता है
ये रातों को उठ-उठ के रोता है, यही गाता है वो ले गई दिल
तरम पम तरम पम तरम पम चलो उसको ढूँढेंगे हम
परी है वो है हूर कोई जो ढाया है इतना सितम
नहीं वो तो कुछ और ही है कहें क्या यारो तुमसे हम
तरम पम तरम पम तरम पम चलो उसको ढूँढेंगे हम
इतनी हसीनों में छुपी एक ऐसी हसीना है
कि मोती सीप में हो जैसे अँगूठी में हो नगीना कोई वो
देखा है तुमने कहो क्या उसको
जैसे नगीना कोई वो
देखा है तुमने कहो क्या उसको
तरम पम तरम पम तरम पम चलो उसको ढूँढेंगे हम
परी है वो है हूर कोई जो ढाया है इतना सितम
नहीं वो तो कुछ और ही है कहें क्या यारो तुमसे हम ) \-४
दूध सी रंगत है धुली है चँदनी से जैसे
कंवल के जैसी नज़ाक़त है
करिश्मा है वो ख़ुदाई का जो देखा है तुमने कहो क्या उसको
जैसे करिश्मा है वो देखा है तुमने कहो क्या उसको
तरम पम तरम पम तरम पम चलो उसको ढूँढेंगे हम
परी है वो है हूर कोई जो ढाया है इतना सितम
वो सुबह का तारा है हाँ वो क़िस्मत से हमारा है
ओ यारो डोलि सजा के रखना है उसे बनना है मेरी दुल्हन
तरम पम तरम पम तरम पम चलो उसको ढूँढेंगे हम
परी है वो है हूर कोई जो ढाया है इतना सितम
नहीं वो तो कुछ और ही है कहें क्या यारो तुमसे हम
तरम पम तरम पम तरम पम चलो उसको ढूँढेंगे हम
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