आज हम सब के चहेते गायक किशोर कुमार का जन्मदिन है. आईये सुनते हैं, उनके ही गाये पांच अनोखे गाने.
आज की महफ़िल की शुरुआत करती हूँ किशोर कुमार के सबसे पहले गाये गाने से... फिल्म जिद्दी का गाना, इसी फिल्म में संगीतकार खेमचंद प्रकाश ने किशोर कुमार को गाने का पहला मौका दिया था.
गाना - मरने की दुआएं क्यों माँगूं
फिल्म - जिद्दी
संगीतकर - खेमचंद प्रकाश
गीतकार - प्रोफ़ेसर जज्बी
गायक - किशोर कुमार
मरने की दुआएं क्यों माँगूं
जीने कि तमन्ना कौन करे, कौन करे
ये दुनिया हो या वो दुनियाँ
अब ख्वाहिश-ए-दुनिया कौन करे कौन करे
मरने की ...
जो आग लगाई थी तुमने
उसको तो बुझाया अश्कों ने
जो अश्कों ने भड़काई है,
उस आग को ठण्डा कौन करे, कौन करे
मरने की ...
जब कश्ती साबित-ओ-सालिम थी
साहिल कि तमन्ना किसको थी
अब ऐश इकट्ठा कश्ती पर
साहिल की तमन्ना कौन करे, कौन करे
मरने की...
दूसरा गाना भी इसी फिल्म का है. ये गाना इस वजह से भी महत्वपूर्ण है क्यूंकि ये लता-किशोर का गया पहला डुएट गाना है.
गाना - ये कौन आया रे
फिल्म - जिद्दी
संगीतकर - खेमचंद प्रकाश
गीतकार - प्रोफ़ेसर जज्बी
गायक - किशोर कुमार , लता मंगेशकर
फिल्म - जिद्दी
संगीतकर - खेमचंद प्रकाश
गीतकार - प्रोफ़ेसर जज्बी
गायक - किशोर कुमार , लता मंगेशकर
ये कौन आया
ये कौन आया रे
करके ये सोला सिंगार, ये कौन आया
आंखों में रंगीं बहारें लिये
होठों पे अमृत की धारें लिये
लूट लिया...
लूट लिया किसने ये दिल का क़रार
लूट लिया किसने ये दिल का क़रार
मेरे दिल का क़रार..
तन मन में छाया है प्यार..
कौन आया
कौन आया
ओ...ओ..कौन आया
ओ..ओ..ओ..मोरे राजा..ओ मोरे राजा
ओ..ओ..ओ..मोरे राजा..ओ मोरे राजा
झूटा न हो तेरा प्यार, राजा
झूटा न हो तेरा प्यार....
सोने की गंगा में बहते हो तुम
सितारों की दुनिया में रहते हो तुम
वहां कैसे पहुंचेगी मेरी पुकार..
राजा मेरी पुकार...ओ..ओ..ओ..
मैं इन ऊंचे महलों को ठुकराऊंगा
जहां भी पुकारो चला आऊंगा
तुम दिल की दौलत हो सुख की बहार
मेरे सुख की बहार...
न रह जाऊं माला पिरोती कहीं
जो रूठेगी दुनिया मना लूंगा मैं..
न रह जाऊं माला पिरोती कहीं
न लुट जाये आशा के मोती कहीं
न टूटे कहीं...
न टूटे कहीं मन की बीना के तार
मेरी बीना के तार....
जो रूठेगी दुनिया मना लूंगा मैं..
जो गिरने लगोगी सम्भालूंगा मैं..
मानेंगे न हम ज़माने से हार रे
ज़माने से हार...
गाना - आ चल के तुझे मैं लेकर चलूँ.
फिल्म - दूर गगन कि छाँव में
संगीतकर - किशोर कुमार
गीतकार - किशोर कुमार
गायक - किशोर कुमार
किशोर कुमार का नाम ज़बान पर आते ही, ये गाना मन में आ ही जाता है. सबसे ख़ास बात इस गाने की ये है कि इसके संगीतकार, गीतकार, गायक किशोर कुमार ही हैं. इस फिल्म के लेखक, निर्देशक, निर्माता, एक्टर भी किशोर कुमार ही हैं. सुनिए इस फिल्म का ये खूबसूरत गीत...
आ चल के तुझे मैं लेके चलूँ, एक ऐसे गगन के तले
अब सुनिए दूर का राही फिल्म का ये गीत. इसमें संगीत तो दिया है किशोर कुमार ने, लेकिन आवाज़ है मन्ना डे की. इस फिल्म के भी निर्माता/निर्देशक/लेखक/एक्टर किशोर कुमार ही थे. गीत लिखा है शैलेन्द्र ने.
गाना - एक दिन और गया
फिल्म - दूर का राही
संगीतकर - किशोर कुमार
गीतकार - शैलन्द्र
गायक - मन्ना डे
एक दिन और गया, हाय रोके न रुका
छाया अँधियारा..
आज भी नाव न आई आया ना खेवनहारा
एक दिन और गय...
काली नागिन सी घिरी रैना कजरारी
सहमी सहमी सी है ये नगरी हमारी
देके आवाज़ थका मन दुखियारा
आज भी नाव न आई, आया ना खेवनहारा
एक दिन और गया …
फिर वही रात कठिन छुप गए तारे
अभी से बुझने लगे दीप हमारे...
दूर बड़ी दूर सवेरा दूर बड़ी दूर उजाला
दूर है आशाओं का कूल किनारा...
आज भी नाव न आई, आया ना खेवनहारा
एक दिन और गया, हाय रोके न रुका
छाया अँधियारा..
आज भी नाव न आई आया ना खेवनहारा
एक दिन और गया.
गाना - आ चल के तुझे मैं लेकर चलूँ.
फिल्म - दूर गगन कि छाँव में
संगीतकर - किशोर कुमार
गीतकार - किशोर कुमार
गायक - किशोर कुमार
किशोर कुमार का नाम ज़बान पर आते ही, ये गाना मन में आ ही जाता है. सबसे ख़ास बात इस गाने की ये है कि इसके संगीतकार, गीतकार, गायक किशोर कुमार ही हैं. इस फिल्म के लेखक, निर्देशक, निर्माता, एक्टर भी किशोर कुमार ही हैं. सुनिए इस फिल्म का ये खूबसूरत गीत...
आ चल के तुझे मैं लेके चलूँ, एक ऐसे गगन के तले
जहाँ ग़म भी ना हो, आँसू भी ना हो, बस प्यार ही प्यार पले
सूरज की पहली किरण से, आशा का सवेरा जागे
चंदा की किरण से धूलकर, घनघोर अंधेरा भागे
कभी धूंप खिले, कभी छाँव मिले, लंबी सी डगर ना खले
जहाँ दूर नज़र दौड़ाए, आज़ाद गगन लहराये
जहाँ रंगबिरंगे पंछी, आशा का संदेसा लाये
सपनों में पली, हँसती वो कली, जहाँ शाम सुहानी ढले
सपनों के ऐसे जहां में, जहाँ प्यार ही प्यार खिला हो
हम जा के वहा खो जाये, शिकवा ना कोई गीला हो
कही बैर ना हो, कोई गैर ना हो, सब मिल के यूँ चलते चले
अब सुनिए दूर का राही फिल्म का ये गीत. इसमें संगीत तो दिया है किशोर कुमार ने, लेकिन आवाज़ है मन्ना डे की. इस फिल्म के भी निर्माता/निर्देशक/लेखक/एक्टर किशोर कुमार ही थे. गीत लिखा है शैलेन्द्र ने.
गाना - एक दिन और गया
फिल्म - दूर का राही
संगीतकर - किशोर कुमार
गीतकार - शैलन्द्र
गायक - मन्ना डे
एक दिन और गया, हाय रोके न रुका
छाया अँधियारा..
आज भी नाव न आई आया ना खेवनहारा
एक दिन और गय...
काली नागिन सी घिरी रैना कजरारी
सहमी सहमी सी है ये नगरी हमारी
देके आवाज़ थका मन दुखियारा
आज भी नाव न आई, आया ना खेवनहारा
एक दिन और गया …
फिर वही रात कठिन छुप गए तारे
अभी से बुझने लगे दीप हमारे...
दूर बड़ी दूर सवेरा दूर बड़ी दूर उजाला
दूर है आशाओं का कूल किनारा...
आज भी नाव न आई, आया ना खेवनहारा
एक दिन और गया, हाय रोके न रुका
छाया अँधियारा..
आज भी नाव न आई आया ना खेवनहारा
एक दिन और गया.
इसी फिल्म का एक और गाना, आवाज़ किशोर कुमार की है...
गाना - जीवन से न हार-
फिल्म - दूर का राही
संगीतकर - किशोर कुमार
गीतकार - शैलन्द्र
गायक - किशोर कुमार
जीवन से न हार ओ जीनेवाले
बात मेरी तू मान अरे मतवाले
हर गम को तू अपनाकर
दिल का क़र्ज़ चुकाकर
बढ़ता चल, तू लहराकर
दुनिया के सुख दुःख को बिसराकर
सुख दुःख हैं जीवन के दो पैराहे
धुप सुनहरी कहीं घनेरे साये..
जो सूरज अंधियारे में खो जाए
वही लौटकर नया सवेरा लाये...
तो बढ़ता चल, तू लहराकर
दुनिया के सुख दुःख को बिसराकर
बढ़ती नदियाँ तुझको याद दिलाये
समय जो जाए कभी लौट न आये
दीप तो वो जो हवा में जलता जाए
खुद को जलाकर जग को राह दिखाए
तो बढ़ता चल, तू लहराकर
दुनिया के सुख दुःख को बिसराकर
जीवन से न हार ओ जीनेवाले..
हर गम को तू अपनाकर
दिल का क़र्ज़ चुकाकर
बढ़ता चल, तू लहराकर
दुनिया के सुख दुःख को बिसराकर
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