कलाम-ए-मोहब्बत क्यों

We don't read and write poetry because it's cute. We read and write poetry because we are members of the human race. And the human race is filled with passion. And medicine, law, business, engineering, these are noble pursuits and necessary to sustain life. But poetry, beauty, romance, love, these are what we stay alive for. To quote from Whitman, "O me! O life!... of the questions of these recurring; of the endless trains of the faithless... of cities filled with the foolish; what good amid these, O me, O life?" Answer. That you are here - that life exists, and identity; that the powerful play goes on and you may contribute a verse. That the powerful play goes on and you may contribute a verse. What will your verse be?  
  
कलाम-ए-मोहब्बत इसलिए, कि देखा जाए तो ये गीत ग़ज़ल कवितायें, हमारी ज़िन्दगी का अब एक अहम हिस्सा बन गए हैं. हम उठते बैठते गीत गुनगुनाते हैं, ग़ज़लें दोहराते हैं, कवितायें याद करते हैं. कितना कुछ मिल जाता है हमें कविताओं में, गजलों में और गीतों में...हमारी ज़िन्दगी के कुछ बीते पन्ने, कुछ सपने, कुछ उम्मीदें...कितना कुछ ये कवितायें समेटे हुए रहती हैं अपने अन्दर...तो बस ये कलाम-ए-मोहब्बत बनाने का इरादा भी यही था, कि अपनी कुछ पसंद की कविताओं को, गजलों को, गीतों को एक जगह संकलित रख सकूँ.
पिछले महीने मैंने इस ब्लॉग को बनाया था, लेकिन जब से ये ब्लॉग बना था, कुछ तो व्यस्तता थी और कुछ पिछले ब्लॉग टेम्पलेट में खराबी की वजह से ये ब्लॉग शांत पड़ा रहा. लेकिन आज से फिर इस ब्लॉग को मैं शुरू कर रही हूँ.  अभी तो छोटे स्तर से ही ब्लॉग को शुरू कर रही हूँ लेकिन इस ब्लॉग को लेकर बहुत सी उम्मीदें हैं, बहुत कुछ सोचा भी है, कुछ छोटे से, नादान से सपने भी हैं इस ब्लॉग को लेकर. आगे चलकर इसे और विस्तार देने का मन भी है, शायद एक वेबसाइट के रूप में. लेकिन तब तक तो बस ये मेरी डायरी है, जहाँ मैं(और मेरा छोटा भाई अभिषेक भी) अपनी पसंद के नज्में, कविताओं और गजलों को सहेजते जाऊँगी. आज दोस्ती का दिन है, फ्रेंडशिप डे, तो आज के दिन आप क्या हमारे दोस्त बनेंगे? आपसे ये वादा करते जा रही हूँ मैं, कि आज से यहाँ हर दिन आपको कुछ न कुछ पढ़ने को मिलते रहेगा. 

आज अपनी इस एक नज़्म को ब्लॉग में पोस्ट कर रही हूँ...

खो जाती हैं नज़्में अक्सर
किसी भूली-बिसरी याद की तरह
या फिर
चूर-चूर हो बिखर भी जाती हैं
जैसे कोई ख़्वाब
जिन्हें मैं चुपके से
चुनती हूँ
किसी स्याह रात के अँधेरे में
ताकि
बदग़ुमानी...बदनज़रों से बची रहें
नज़्में मेरी...
अँधेरे में
चुभ भी जाती हैं अक्सर
नज़्में
खून निकलता है या नहीं
पता नहीं
पर दर्द बहुत होता है
जाने क्यूँ...?

- प्रियंका गुप्ता 

और दोस्ती का दिन है आज, तो आज के दिन इससे बेहतर और कौन सा गीत हो सकता है? सुनिए शोले फिल्म का ये गाना, किशोरे कुमार और मन्ना डे की आवाज़ में, फिल्म शोले से. 

Title - ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे - Ye dosti hum nahi todenge.
Movie - Sholay
Lyricist : Anand Bakshi
Music Director : RD Burman
Singer : Kishore Kumar, Manna Dey.

ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे,
तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोड़ेंगे
मेरी जीत तेरी जीत, तेरी हार मेरी हार, सुन ऐ मेरे यार 
तेरा गम मेरा गम, मेरी जान तेरी जान, ऐसा अपना प्यार 
जान पे भी खेलेंगे, तेरे लिये ले लेंगे, सब से दुश्मनी 

 लोगों को आते हैं, दो नज़र हम मगर, देखो दो नही 
हो जुदा, या खफा, ऐ खुदा, हैं दुवां, ऐसा हो नही 
खाना पीना साथ हैं, मरना जीना साथ हैं, सारी जिंदगी

ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे,
तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोड़ेंगे 

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