फिल्म - दो लफ़्ज़ों की कहानी
गाना - सहरा
संगीतकार - अंकित तिवारी
गीतकार - संदीप नाथ
गायक - अंकित तिवारी
आहटें कैसी ये आहटें
सुनता हूँ आज कल, ए दिल बता
दस्तकें देते हैं दस्तकें
क्यूँ अजनबी से पल, ये दिल बता
कुछ तो है जो नींद आये कम
कुछ तो है जो आँखें हैं नम
कुछ तो है जो तू कह दे तो
हँसते हँसते मर जाएँ हम
मुझसे ज्यादा मेरे जैसा
कोई है तो है तू
फिर ना जाने दिल मेरा क्यूँ
तुझको ना दे सकून
कुछ तो है जो दिल घबराए
कुछ तो है जो सांस ना आये
कुछ तो है जो हम होंठों से
कहते कहते कह ना पाएं
जो हमारे दरमियाँ हैं
इस को हम क्या कहें
इश्क क्या है इक लहर है
आओ इसमें बाहें
कुछ तो है जो हम हैं खोये
कुछ तो है जो तुम ना सोये
कुछ तो है जो हम दोनों यूँ
हँसते हँसते इतना रोये
गाना - सहरा
संगीतकार - अंकित तिवारी
गीतकार - संदीप नाथ
गायक - अंकित तिवारी
इक वजह ढूंढते, बेवजह ढूंढते
खो गया मैं जहाँ में जहाँ ढूंढते
कुछ सिला ढूंढते, सिलसिला ढूंढते
आ गया मैं कहाँ से कहाँ ढूंढते
हर जगह हर गली मंजिलें ना मिले
यूं ही साँसों में सांस लिए
सेहरा मेरे रूबरू, बंजारा मैं क्या करूं
सेहरा मेरे रूबरू, बंजारा मैं क्या करूं
रास्ते हमेशा सफ़र ही रहे
चैन के पल भी मुख़्तसर रहे
रास्ते हमेशा सफ़र ही रहे
चैन के पल भी मुख़्तसर रहे
इक बयां-बा मिला, कारवां ढूंढते
यूं ही सांसों में सांसें लिए
सेहरा मेरे रूबरू, बंजारा मैं क्या करूं
सेहरा मेरे रूबरू, बंजारा मैं क्या करूं
खो गया मैं जहाँ में जहाँ ढूंढते
कुछ सिला ढूंढते, सिलसिला ढूंढते
आ गया मैं कहाँ से कहाँ ढूंढते
हर जगह हर गली मंजिलें ना मिले
यूं ही साँसों में सांस लिए
सेहरा मेरे रूबरू, बंजारा मैं क्या करूं
सेहरा मेरे रूबरू, बंजारा मैं क्या करूं
रास्ते हमेशा सफ़र ही रहे
चैन के पल भी मुख़्तसर रहे
रास्ते हमेशा सफ़र ही रहे
चैन के पल भी मुख़्तसर रहे
इक बयां-बा मिला, कारवां ढूंढते
यूं ही सांसों में सांसें लिए
सेहरा मेरे रूबरू, बंजारा मैं क्या करूं
सेहरा मेरे रूबरू, बंजारा मैं क्या करूं
फिल्म - दो लफ़्ज़ों की कहानी
गाना - कुछ तो है..
संगीतकार - अरमान मालिक
गीतकार - मनोज मुन्तशिर
गायक - अमाल मालिक
गाना - कुछ तो है..
संगीतकार - अरमान मालिक
गीतकार - मनोज मुन्तशिर
गायक - अमाल मालिक
आहटें कैसी ये आहटें
सुनता हूँ आज कल, ए दिल बता
दस्तकें देते हैं दस्तकें
क्यूँ अजनबी से पल, ये दिल बता
कुछ तो है जो नींद आये कम
कुछ तो है जो आँखें हैं नम
कुछ तो है जो तू कह दे तो
हँसते हँसते मर जाएँ हम
मुझसे ज्यादा मेरे जैसा
कोई है तो है तू
फिर ना जाने दिल मेरा क्यूँ
तुझको ना दे सकून
कुछ तो है जो दिल घबराए
कुछ तो है जो सांस ना आये
कुछ तो है जो हम होंठों से
कहते कहते कह ना पाएं
जो हमारे दरमियाँ हैं
इस को हम क्या कहें
इश्क क्या है इक लहर है
आओ इसमें बाहें
कुछ तो है जो हम हैं खोये
कुछ तो है जो तुम ना सोये
कुछ तो है जो हम दोनों यूँ
हँसते हँसते इतना रोये
फिल्म - दो लफ़्ज़ों की कहानी
गाना - अँखियाँ
संगीतकार - अर्जुना हरजाई
गीतकार - कुमार
गायक - कनिका कपूर
गाना - अँखियाँ
संगीतकार - अर्जुना हरजाई
गीतकार - कुमार
गायक - कनिका कपूर
अँखियां ने अँखियां नु
रब्ब जाने क्यूँ दिए फ़ासले
अँखियां ने अँखियां नु
रब्ब जाने क्यूँ दिए फ़ासले
रोंदियाँ ने छम छम करके
तेरी यादों में मरके
रोंदियाँ ने छम छम करके
तेरी यादों में मरके
भूल गईआं जिन्दरी दे रास्ते
अँखियां ने अँखियां नु
रब्ब जाने क्यूँ दिए फ़ासले
अँखियां ने अँखियां नु
रब्ब जाने क्यूँ दिए फ़ासले
दुनिया की भीड़ में मैं तन्हा सी हो गयी
पाकर जो तुझको खोया
ख़ुद ही मैं खो गयो
दुनिया की भीड़ में मैं तन्हा सी हो गयी
पाकर जो तुझको खोया
ख़ुद ही मैं खो गयो
क्या बताऊँ तेरे बिन
काजल से है ये दिन
तारे भी बुझे बुझे हैं रात में
अँखियां ने अँखियां नु
रब्ब जाने क्यूँ दिए फ़ासले
अँखियां ने अँखियां नु
रब्ब जाने क्यूँ दिए फ़ासले
राहों में बैठे बैठे
नैन पथरा गए
खुशियों के होंठों पे
दर्द कैसे आ गए
राहों में बैठे बैठे
नैन पथरा गए
खुशियों के होंठों पे
दर्द कैसे आ गए
सपने जो रूठे रूठे
जुड़ के जो दिल है टूटे
टूटी हैं लकीरें भी ये हाथ में
अँखियां ने अँखियां नु
रब्ब जाने क्यूँ दिए फ़ासले
अँखियां ने अँखियां नु
रब्ब जाने क्यूँ दिए फ़ासले
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