फिल्म- ऐ दिल है मुश्किल (2016)
गाना- बुल्लैया
संगीतकार- प्रीतम
गीतकार- अमिताभ भट्टाचार्य
गायक- अमित मिश्रा, शिल्पा राव
गाना- बुल्लैया
संगीतकार- प्रीतम
गीतकार- अमिताभ भट्टाचार्य
गायक- अमित मिश्रा, शिल्पा राव
मेरी रूह का परिंदा फड़फडाये
लेकिन सुकून का जज़ीरा मिल न पाए
वे की करां.. वे की करां..
लेकिन सुकून का जज़ीरा मिल न पाए
वे की करां.. वे की करां..
इक बार को तैजल्ली तो दिखा दे
झूठी सही मगर तसल्ली तो दिला दे
वे की करां.. वे की करां..
झूठी सही मगर तसल्ली तो दिला दे
वे की करां.. वे की करां..
रांझण दे यार बुल्लेया
सुन ले पुकार बुल्लेया
तू ही तो यार बुल्लेया
मुर्शिद मेरा, मुर्शिद मेरा
तेरा मुकाम कमली
सरहद के पार बुल्लेया
परवरदिगार बुल्लेया
हाफ़िज़ तेरा, मुर्शिद मेरा
सुन ले पुकार बुल्लेया
तू ही तो यार बुल्लेया
मुर्शिद मेरा, मुर्शिद मेरा
तेरा मुकाम कमली
सरहद के पार बुल्लेया
परवरदिगार बुल्लेया
हाफ़िज़ तेरा, मुर्शिद मेरा
रांझण दे यार बुल्लेया
सुन ले पुकार बुल्लेया
तू ही तो यार बुल्लेया
मुर्शिद मेरा, मुर्शिद मेरा
तेरा मुकाम कमली
सरहद के पार बुल्लेया
परवरदिगार बुल्लेया
हाफ़िज़ तेरा, मुर्शिद मेरा
सुन ले पुकार बुल्लेया
तू ही तो यार बुल्लेया
मुर्शिद मेरा, मुर्शिद मेरा
तेरा मुकाम कमली
सरहद के पार बुल्लेया
परवरदिगार बुल्लेया
हाफ़िज़ तेरा, मुर्शिद मेरा
मैं काबुल से लिपटी
तितली की तरह मुहाजिर हूँ
एक पल को ठहरूं
पल में उड़ जाऊँ
वे मैं तां हूँ पगडंडी लबदी ऐ जो राह जन्नत दी
तू मुड़े जहाँ मैं साथ मुड़ जाऊँ
तितली की तरह मुहाजिर हूँ
एक पल को ठहरूं
पल में उड़ जाऊँ
वे मैं तां हूँ पगडंडी लबदी ऐ जो राह जन्नत दी
तू मुड़े जहाँ मैं साथ मुड़ जाऊँ
तेरे कारवां में शामिल होना चाहूँ
कमियाँ तराश के मैं क़ाबिल होना चाहूँ
वे की करां.. वे की करां..
कमियाँ तराश के मैं क़ाबिल होना चाहूँ
वे की करां.. वे की करां..
रांझण दे यार बुल्लेया
सुन ले पुकार बुल्लेया
तू ही तो यार बुल्लेया
मुर्शिद मेरा, मुर्शिद मेरा
तेरा मुकाम कमली
सरहद के पार बुल्लेया
परवरदिगार बुल्लेया
हाफ़िज़ तेरा, मुर्शिद मेरा
रांझणा वे.. रांझणा वे..
सुन ले पुकार बुल्लेया
तू ही तो यार बुल्लेया
मुर्शिद मेरा, मुर्शिद मेरा
तेरा मुकाम कमली
सरहद के पार बुल्लेया
परवरदिगार बुल्लेया
हाफ़िज़ तेरा, मुर्शिद मेरा
रांझणा वे.. रांझणा वे..
जिस दिन से आशना से दो अजनबी हुए हैं
तन्हाइयों के लम्हें सब मुल्तबी हुए हैं
क्यूँ आज मैं मोहब्बत
फिर एक बार करना चाहूँ हाँ..
तन्हाइयों के लम्हें सब मुल्तबी हुए हैं
क्यूँ आज मैं मोहब्बत
फिर एक बार करना चाहूँ हाँ..
ये दिल तो ढूंढता है इनकार के बहाने
लेकिन ये जिस्म कोई पाबंदियाँ ना माने
मिलके तुझे बगावत
ख़ुद से ही यार करना चाहूँ
लेकिन ये जिस्म कोई पाबंदियाँ ना माने
मिलके तुझे बगावत
ख़ुद से ही यार करना चाहूँ
मुझमें अगन है बाकी आजमा ले
ले कर रही हूँ ख़ुद को मैं तेरे हवाले
वे रांझणा... वे रांझणा...
ले कर रही हूँ ख़ुद को मैं तेरे हवाले
वे रांझणा... वे रांझणा...
रांझण दे यार बुल्लेया
सुन ले पुकार बुल्लेया
तू ही तो यार बुल्लेया
मुर्शिद मेरा, मुर्शिद मेरा
तेरा मुकाम कमली
सरहद के पार बुल्लेया
परवरदिगार बुल्लेया
हाफ़िज़ तेरा, मुर्शिद मेरा
मुर्शिद मेरा मुर्शिद मेरा..
सुन ले पुकार बुल्लेया
तू ही तो यार बुल्लेया
मुर्शिद मेरा, मुर्शिद मेरा
तेरा मुकाम कमली
सरहद के पार बुल्लेया
परवरदिगार बुल्लेया
हाफ़िज़ तेरा, मुर्शिद मेरा
मुर्शिद मेरा मुर्शिद मेरा..
रांझण दे यार बुल्लेया
सुन ले पुकार बुल्लेया
तू ही तो यार बुल्लेया
मुर्शिद मेरा, मुर्शिद मेरा
तेरा मुकाम कमली
सरहद के पार बुल्लेया
परवरदिगार बुल्लेया
हाफ़िज़ तेरा, मुर्शिद मेरा
मुर्शिद मेरा, मुर्शिद मेरा..
सुन ले पुकार बुल्लेया
तू ही तो यार बुल्लेया
मुर्शिद मेरा, मुर्शिद मेरा
तेरा मुकाम कमली
सरहद के पार बुल्लेया
परवरदिगार बुल्लेया
हाफ़िज़ तेरा, मुर्शिद मेरा
मुर्शिद मेरा, मुर्शिद मेरा..
मुर्शिद मेरा, मुर्शिद मेरा..
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