पाँच मैथली गीत दुर्गा माँ पर

दुर्गा पूजा के अवसर पर आज कुछ मैथली गीत देखते हैं. इनके रचनाकार का नाम मालूम नहीं चल पाया है. लेकिन ये गीत काफी  प्रचलित हैं.



----- १ ----- 

एत्तेक बात आय दुर्गा बोलैय
तब जवाब आय मालीन दै छै
सुन गे देवी देवी असावरि
तोरा कहै छी दिल के वार्ता
मैया दुर्गा दरशन दइये
जहि कारणमे रटना रटै छै
स्वामी दरशन तोरा करेबौ
चल चल मलीनियाँ मानिकदहमे
मानिकदहमे देवता अऔतै
जहदी बागमे फूल तोड़ै छै
मानिकदह स्नान देवता करै छै
टीक धारै टीकुलिया फड़ल
तब महिसौथा देवता पूजा की करै छै गै

----- २ ----- 

तब जवाब दुर्गा दै छै
सुनऽ गे बेटी मलीनियाँ सुनि ले
चुहरा गै नौकरी खारिज भऽ गेल
चुहरा बदला गै नौकर छेलै
चन्द्रा कोहबर पहरा छेलै
देवता पारमे चोरी भऽ गेल
तहि कारणमे राजा कुलेसर
जेल घरमे स्वामी के देलकौ
हाजत घरमे नरूपिया देवता कनैय गै

----- ३ ----- 

हौ तब वचनियाँ दुर्गा कहैय
सीरी सलहेस नरूपिया खामिन के
सुन ले देवता देवता नरूपिया
दिल के वार्त्ता तोरा कहै छी
हमर वचनियाँ नरूपिया मानियौ
सब क बिअहबा महिसौथा कयलऽ
एकेटा कुमार तोरा भगीना रहलऽ
जनम उलहिनियाँ तोरा बहिनियाँ दै छह
केना बिअहबा करिकन्हा के होयतऽ हौ
केना के बिअहबा करिकन्हा के होयतऽ हौ
एमरी लगन बेटा चलि ने गेलै
एमरी बिआह करिकन्हा करा दियौ रौ



-- ४ -- 

हौ एत्तेक वचनियाँ नरूपिया सोचै छै
आ जेल के घरमे दुर्गा जुमलै
अँचरा के खूंटमे चीट्ठी बन्हैय
तबेमे जबाब नरूपिया दै छै
गै सुख के चीट्ठी कोहबर दीहै
आ दुख के चीठी बौआ मोती के दीहे
भाइ सहोदर जखनी बुझतै
बान्ह खोला हमर लऽ जयतै
आ बन्हवा खोलबाक हमरा बौआ लऽ जयतै
हौ चौठीया लऽकऽ दुर्गा भगैय
जखनी दुर्गा हौ कोशिका लग जुमि गेल
सुखले नदीयामे हौ जल भरलै
आ छुरी फनकैय कोशिका लग मे
तखनी मैया दुर्गा कहैय
सुनिलय गै कोशिका दिल के वार्त्ता
जेहने देवता तू कहबै छै
तेहने देवता दुर्गा मैया
सुखले नदीया पार उतारि दे
सतयुग छीयै गै कलयुग अऔतै
तोरे गे नाम दुनियाँमे चलतौ
हमरा पार कोशिका जल्दी तू उतारि दियौ गै

-- ५ --

हौ तब जवाब डाकू चुहरा दै छै
सुनऽ सुनऽ गै मैया दुर्गा
गै जातिमे पंछी कौआ लगै छै
बर चटपटिआ लौआ लगै छै
कुटनीमे तू दुर्गा दुचारैन छीही
घर-घर झगड़ा दुर्गा लगबै छै
गै जाबे नै सत मैया दुर्गा करबै
ताबे नै दुःख वरणन हम कहबै
हमरा संगमे सत मैया कऽ दियौ यै
हौ सत दुर्गा मंदिरमे कऽ देल
तब दुःख वरनन चुहरा कहैय
सुनि लय गे देवी देवी असामरि
नौकरी जे केलीयै राज पकरिया
बारह बरिस मैया नौकरी रहली
बिना कसूरमे नौकरी छोड़ौलकै
कहियो ने घी के घैइल हरेलीयै
नीमक खेलीयै सैरियत देलीयै
कहियो सुरति चन्द्रा के नै देखलीये
बहिन समान चन्द्रा मानली
बिना कसूरमे मैया नौकरी हमरा छोड़ा देलकै गै
चलहु के बेरमे बेइमनमा दरमाहा
किया रोकि लेलकौऽ यैऽऽ
आ एको पाइ दरमाहा चुहरा
के मैया नै देलकै गै
तहि कारण हम सत करौलीयै
आ केना के जेबै मोकमागढ़मे
केना के मुँह मोकमा देखेबै
गै राज पकरिया गै चोरी करबै
तहि कारण मैया सत करौलीयै
चोरी के रंग हम नइ जनै छी
चोरी समान मैया हमरा तू दऽ दियौ गै

No comments:

Post a Comment

We do our best to provide you with the correct lyrics. However, Sometimes we make mistakes. So If you find any mistake in the lyrics, Please let us know in the comment.