दो बदन(1966)

फ़िल्म-दो बदन (1966)
संगीतकार- रवि
गीतकार-शक़ील 
गायक- लता मंगेशकर

लो आ गयी उनकी याद, वो नहीं आये
लो आ गयी उनकी याद, वो नहीं आये

दिल उनको ढूँढता  हैं, ग़म का  सिंगार कर के
आँखें भी थक गयी हैं, अब इंतज़ार कर के
आँखें भी थक गयी हैं, अब इंतज़ार कर के
इक साँस रह गयी है, वो भी न टूट जाये
लो आ गयी उनकी याद, वो नहीं आए

रोती  हैं आज हम पर , तनहाइयाँ हमारी
रोती  हैं आज हम पर , तनहाइयाँ हमारी
वो भी न पाये शायद, परछाइयाँ हमारी
बढ़ते ही जा रहे हैं, मायूसियों के साये
लो आ गयी उनकी याद वो नहीं आए

लौ थरथरा रही है, अब शम्म--ज़िंदगी  की
उजड़ी हुई मुहब्बत, महमाँ है दो घड़ी की
उजड़ी हुई मुहब्बत, महमाँ है दो घड़ी की
मर कर ही अब मिलेंगे, जी कर तो मिल न पाये
लो आ गयी उनकी याद वो नहीं आए
लो आ गयी उनकी याद वो नहीं आए
फ़िल्म-दो बदन (1966)
गाना - जब चली ठंडी हवा 
संगीतकार- रवि
गीतकार-शक़ील 

गायक- आशा भोंसले 


जब चली ठंडी हवा, जब उठी काली घटा
मुझको ऐ जान-ए-वफ़ा तुम याद आए

जिन्दगी की दास्तां, चाहे कितनी हो हसीं
 बिन तुम्हारे कुछ नहीं
क्या मजा आता सनम, आज भूले से कही
तुम भी आ जाते यही

ये बहारें ये फिज़ा, देखकर ओ दिलरुबा
जाने क्या दिल को हुआ, तुम याद आये
 ये नज़ारे ये समा और फिर इतने जवाँ
 हाए रे ये मस्तियाँ
ऐसा लगता है मुझे जैसे तुम नजदीक हो
इस चमन से जान-ए-जाँ
 सुन के पी पी की सदा,
दिल धड़कता है मेरा आज पहले से सिवा,
तुम याद आये

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फ़िल्म-दो बदन (1966)
गाना - रहा गर्दिशों में हरदम  
संगीतकार- रवि
गीतकार-शक़ील 

गायक- मोहम्मद रफ़ी  


रहा गर्दिशों में हरदम, मेरे इश्क का सितारा 
कभी डगमगाई कश्ती, कभी खो गया किनारा 

 कोई दिल के खेल देखे, के मोहब्बतो की बाजी 
वो कदम कदम पे जीते, मैं कदम कदम पे हारा 

 ये हमारी बदनसीबी जो नहीं तो और क्या है 
के उसीके हो गये हम, जो ना हो सका हमारा 

पड़े जब ग़मों से पाले, रहे मिटके मिटनेवाले 
जिसे मौत ने ना पूछा, उसे जिन्दगी ने मारा


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